बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। इन दोनों पार्टियों ने राज्य की दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोडी हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार (12 जनवरी) को राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की।

सपा-बसपा के बीच गठबंधन का ऐलान होने के बाद कांग्रेस यूपी में ‘एकला चलो’ मतलब अकेले चलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने रविवार (13 जनवरी) को एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम अपने दम पर लड़ेंगे, हमारी तैयारी पूरी है।
GN Azad: We will fight on all 80 seats of Uttar Pradesh in upcoming Lok Sabha elections. We are fully prepared. And just like Congress emerged no. 1 party in Uttar Pradesh in 2009 Lok Sabha elections, we'll fight on our own & win twice those no. of seats in upcoming elections pic.twitter.com/v8MkY6EPMK
— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2019
आजाद ने कहा कि कांग्रेस यूपी में राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनी विचार धारा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव में डटकर लड़ेगी और बीजेपी को हराएगी। आजाद ने ऐलान करते हुए घोषणा की कि यूपी में कांग्रेस सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस नेता नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच में है और हम उन दलों को मदद लेंगे जो इस लड़ाई में हमारा साथ देंगे।
आजाद ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में डटकर चुनाव लड़ेंगे और परिणाम से लोगों को चौंका देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर ये ही सवाल उठाते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया? कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को आजादी दिलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने ली और महात्मा गांधी व पंडित नेहरू के नेतृत्व में देश को आजादी दिलाई। छोटे-छोटे हिस्सों में बंटे देश को एकजुट किया। देश के हर कमजोर हिस्सों को ताकतवर बनाने का काम किया।
बता दें कि शनिवार को सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान करते हुए मायावती ने कहा कि अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए छोड़ी गई हैं, क्योंकि कहीं ऐसा न हो जाए कि बीजेपी के लोग उन्हें (राहुल और सोनिया को) अमेठी और रायबरेली में ही उलझा दें। बता दें कि बसपा और सपा ने 1993 में आपस में मिलकर सरकार बनाई थी और एक बार फिर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बसपा और सपा एक हुए हैं।