दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को भड़काऊ भाषण देने और ऐसी ही अन्य गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी बनाए जाने पर कांग्रेस ने उनका बचाव किया है। पार्टी ने शनिवार को कहा कि ये लोग मौजूदा समय में सत्ता में बैठे लोगों से अधिक ‘महान देशभक्त’ हैं।
कांग्रेस का सामाजिक कार्यकर्ताओं को समर्थन दिल्ली पुलिस द्वारा इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में दाखिल एक पूरक आरोप-पत्र के बाद आया है जिसमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव, अर्थशास्त् जयती घोष और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद को नामजद किया गया है और उन पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘यह नृशंसता से भी बदतर है। मैं आरोप-पत्र में नामजद लोगों के साथ पूरी तरह से एकजुटता प्रकट करता हूं। वे सत्ता में मौजूद धोखेबाजों से अधिक महान देशभक्त हैं।’’
This is worse than atrocious. I am in full solidarity with those chargesheeted. They are greater deshbhakts than the fraudulent ones in power now. https://t.co/w5mXNM99RD
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 12, 2020
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी नागरिक समाज के लोगों का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘अगर सच बोलना अपराध है, अगर घृणा को उजागर करना अपराध है, अगर दंगाइयों का विरोध करना अपराध है, अगर सही का साथ देना अपराध है तो फिर हम सभी को आरोप-पत्र में नामजद कर जेल भेज दिया जाए।’’
दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में 23 से 26 फरवरी के बीच हुए दंगों में पुलिस ने जो पूरक आरोप-पत्र दायर किया है। आरोप-पत्र में दावा किया गया है कि दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी तथा 581 लोग घायल हो गए थे जिनमें से 97 गोली लगने से घायल हुए थे।
आरोप-पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए येचुरी ने एक के बाद एक ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस केंद्र और गृह मंत्रालय के अधीन है। यह अवैध और गैरकानूनी कार्रवाई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की राजनीति का सीधा नतीजा है।’’
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, ‘‘ये नाम सीएए विरोधी प्रदर्शनों के आयोजन और उन्हें संबोधित करने के सिलसिले में एक आरोपी के खुलासा करने वाले बयान का हिस्सा हैं।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)