एयरस्ट्राइक को लेकर अमित शाह के बयान पर सियासत तेज, नवजोत सिंह सिद्धू बोले- आतंकवादियों मारने गए थे या फिर पेड़ उखाड़ने

0

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले में कितने आतंकवादी मारे गए इसे लेकर सियायत तेज हो गई है। विभिन्न भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स में तरह-तरह के आंकड़ों के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दावा किया कि वायुसेना की एयर स्ट्राइक में करीब 250 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

अमित शाह के बयान पर कांग्रेस सहित विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जब वायुसेना के अधिकारियों ने किसी भी तरह के आंकड़े को बताने से इनकार किया था, तो फिर अमित शाह इस तरह का बयान क्यों दे रहे हैं, क्या ये एयरस्ट्राइक को राजनीति से जोड़ना नहीं हुआ?

अमित शाह
फाइल फोटो: नवजोत सिंह सिद्धू

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा है कि एयरफोर्स के सीनियर अधिकारी आरजीके कपूर ने कहा था कि आतंकियों की मौत का कोई आंकड़ा देना जल्दबाजी होगी, लेकिन अमित शाह कह रहे हैं कि एयर स्ट्राइक में 250 आतंकी मारे गए। क्या ये एयर स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश नहीं है?

वहीं, अब पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पूछा है कि 300 आतंकी मारे गए या नहीं। सिद्धू ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, ”300 आतंकवादी मारे गए, हां या नहीं? फिर क्या मकसद था? आप आतंकवादियों को मार रहे थे या पेड़ को उखाड़ रहे थे? क्या यह चुनावी हथकंडा था? विदेशी शत्रु से लड़ने की आड़ में छल हमारे जमीन पर हो रही था। सेना का राजनीतिकरण बंद करो, यह देश की तरह पवित्र है।” सिद्धू ने आगे हिंदी में लिखा, “ऊंची दुकान फीका पकवान।”

बता दें कि सिद्धू पुलवामा हमले के बाद से ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। पुलवामा आतंकी हमले पर दिए अपने बयान को लेकर सिद्धू विवादों से घिर गए थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, “भारतीय वायुसेना को उनकी शानदार उपलब्धि के लिए सलाम करने वाले सबसे पहले व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी थे। मोदी जी ये क्यों भूल गये?”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “भारतीय वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने हताहतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कोई नागरिक या सैनिक हताहत नहीं हुआ। तो, हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई?”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “एक गौरवशाली नागरिक के तौर पर मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं। लेकिन, अगर हम ये चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो, तो सरकार को विपक्ष को कोसने की बजाय इसके लिए प्रयास करना चाहिए।”

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीय मीडिया की उन खबरों पर जवाब देना चाहिए जिनमें कहा गया है बालाकोट में भारतीय कार्रवाई में शायद ही किसी की मौत हुई है। सिब्बल ने कहा जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया पाक के खिलाफ बोलता है तो आप बड़े खुश होते हैं, लेकिन जब आपसे सवाल किया जाता तो आप उन पर पाकिस्तान परस्ती का आरोप लगाते हैं।

गुजरात के अहमदाबाद में ‘लक्ष्य जीतो’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह पिछले पांच साल में दो बड़ी आतंकी स्ट्राइक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में उरी और पुलवामा में दो बड़ी घटनाएं हुईं। उरी हमले के बाद हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की और हमारे जवानों की शहादत का बदला लिया। पुलवामा हमले के बाद हर कोई सोच रहा था कि इस बार सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हो सकती। अब क्या होगा? उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हमले के बाद 13वें दिन एयर स्ट्राइक की और 250 आतंकियों को मार गिराया।

अमित शाह के दावों को वायुसेना ने किया खारिज

अमित शाह के दावों को लेकर सोमवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब खुद भारतीय वायुसेना प्रेस कॉन्फेंस कर बीजेपी अध्यक्ष के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि हमने बालाकोट में अपने टारगेट को हिट किया था, मृतकों के आंकड़े के बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमले में कितने लोग मारे गए ये गिनना एयरफोर्स का काम नहीं है। ऐसा सरकार करती है।

हवाई हमले का उद्देश्य किसी को मारना नहीं बल्कि एक संदेश देना था: केंद्रीय मंत्री एस एस अहलुवालिया

वहीं, केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकी शिविर पर हमले का उद्देश्य मानवीय क्षति पहुंचाना नहीं, बल्कि एक संदेश देना था कि भारत दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर प्रहार कर सकता है। सिलिगुड़ी में शनिवार को पत्रकारों से वार्ता में अहलूवालिया ने यह भी कहा कि सरकार ने हवाई हमले के हताहतों पर कोई आंकड़ा नहीं दिया है, भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया ही मारे गए आतंकियों की “अपुष्ट आंकड़े” की चर्चा कर रहा है।

बता दें कि तमाम भारतीय अंग्रेजी-हिंदी न्यूज चैनलों ने दावा किया था कि भारतीय जवानों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया है, जिसमें 300 से अधिक की संख्या में आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। हालांकि, भारत सरकार ने हताहतों के दावों पर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं की है।

14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद भारत सरकार ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प पर एयर स्ट्राइक करने का दावा किया था, लेकिन भारत की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर अबतक ये नहीं बताया गया कि इस एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए।

Previous articleAfter Amit Shah says Indian air strikes killed more than 250 terrorists in Balakot, Air Force Chief’s stunning statement, says ‘not in a position to count casualties’
Next articleक्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा के बीजेपी में शामिल होने पर अलका लांबा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना