राजधानी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हो गई हैं। सोमवार (22 जनवरी) को दिल्ली सचिवालय प्लेयर्स बिल्डिंग पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘केजरीवाल इस्तीफा दो…इस्तीफा दो’, ‘केजरीवाल गद्दी छोड़ो’ के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर थे जिस पर लिखा था ‘केजरीवाल गद्दी छोड़ों…गद्दी छोड़ों’, ‘यमराज केजरीवाल को लेने आया, जनता को ठगने के कारण 20 अयोग्य संसदीय सचिव’ ‘केजरीवाल इस्तीफा दो…इस्तीफा दो…’
पार्टी का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ता आगे भी मुख्यमंत्री दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर उनसे इस्तीफे की मांग करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह प्रदर्शन पूरे दिल्ली में किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल में नैतिकता बची है तो उनको तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए आंदोलन चलाएगी। कांग्रेस ने केजरीवाल से मांगा इस्तीफा
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है। रविवार (21 जनवरी) को प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस ने जून 2016 में ही चुनाव आयोग को याचिका देकर कहा था कि दिल्ली सरकार द्वारा 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जाना गलत है। कानून के अनुसार दिल्ली में केवल 7 मंत्री ही हो सकते हैं।
किंतु इन 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर एक तरह से उन्हें मंत्री बना दिया गया। वह मंत्री की तरह बैठकों में भाग लेते थे। माकन ने कहा कि मामले में भाजपा एवं ‘आप’ की मिलीभगत है तभी इस मामले को टाला गया। उन्होंने दावा किया कि 22 दिसंबर को राज्यसभा चुनाव की अधिघोषणा से पहले यदि इन विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता तो ‘आप’ में फूट पड़ जाती।माकन ने कहा कि भ्रष्टाचार का विरोध कर सत्ता में आई ‘आप’ को यह जवाब देना चाहिए कि इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या हो सकता है? उन्होंने कहा कि केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर हट जाना चाहिए। उन्होंने ‘आप’ के इस दावे को गलत बताया कि चुनाव आयोग ने पार्टी के पक्ष को नहीं सुना। चुनाव आयोग ने इस मामले में 11 विभिन्न तारीखों पर सुनवाई की। माकन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भ्रष्टाचार को लेकर इस्तीफे की मांग करते हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत अयोग्य ठहराया है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार (19 जनवरी) को ‘आप’ के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी। इन सभी पर बतौर संसदीय सचिव लाभ के पद पर आसीन होने के आरोप लगाए गए थे।
20 विधायकों की सदस्यता रद्द
बता दें कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। लाभ के पद मामले में पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार (21 जनवरी) को चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूरी दे दी। चुनाव आयोग ने शुक्रवार (19 जनवरी) को लाभ के पद मामले में इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की थी।
ये सभी विधायक 13 मार्च, 2015 से 8 सितंबर, 2016 तक संसदीय सचिव पद पर थे, जिसे ‘लाभ का पद’ माना गया है। हालांकि, इस फैसले से केजरीवाल सरकार पर खतरा नहीं हैं। विधि मंत्रलय द्वारा जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को अयोग्य करार दिया गया है।
विधि मंत्रलय द्वारा जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को अयोग्य करार दिया गया है। अधिसूचना में कहा गया कि निर्वाचन आयोग द्वारा व्यक्त की गई राय के आलोक में, मैं, रामनाथ कोविंद, भारत का राष्ट्रपति, अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उक्त 20 सदस्यों को दिल्ली विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराता हूं।
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Posted by Janta Ka Reporter on Saturday, 20 January 2018