कांग्रेस ने नोटबंदी को आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए शुक्रवार (22 जून) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोला है। कांग्रेस का आरोप है कि अमित शाह जिस बैंक के निदेशक रहे हैं वह नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा प्रतिबंधित 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने वाला जिला सहकारी बैंक है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नोटबंदी इस देश का सबसे बड़ा घोटाला था, 19 महीने बाद काला धन सफेद करने के धंधे का पर्दाफाश हो चुका है।

समाचार एजेंसी यूनिवार्ता के मुताबिक कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के निदेशक रहते अहमदाबाद जिला कोअापरेटिव बैंक में नोटबंदी के दौरान पांच दिनों में सबसे अधिक 745 करोड 58 लाख रुपये जमा कराए गए थे जो ‘काले धन को सफेद’ करने जैसा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले की जांच करानी चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि 2016 में 10 नवंबर से 14 नवंबर के दौरान देश के सभी कोआपरेटिव बैंकों में से अहमदाबाद जिला कोअापरेटिव बैंक में सबसे अधिक 745 करोड़ पुराने नोट जमा कराए गए। उन्होंने कहा कि शाह इस बैंक के निदेशक हैं और पहले इसके अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि केवल गुजरात के 11 जिला कोअापरेटिव बैंकाें में 3118 करोड़ 51 लाख रुपये जमा कराए गए जिनके कर्ताधर्ता बीजेपी के प्रमुख नेता थे।
उन्होंने कहा कि देश के 370 जिला कोअपरेटिव बैंकों में पांच दिनों के दौरान पुराने नोट जमा कराए गए थे। सुरजेवाला ने कहा कि अहमदाबाद जिला कोअपरेटिव बैंक के अध्यक्ष बीजेपी के प्रमुख नेता अजय पटेल हैं जो अमित शाह के निकट सहयोगी भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बैंक के दूसरे निदेशक यशपाल चूड़ासमा हैं जो शोहराबुद्दीन मामले में शाह के साथ जेल गये थे।
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कसा तंज
इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसा है। अपने ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि करोड़ों लोगों की जिंदगी नोटबंदी के कारण बर्बाद हो गई थी। साथ ही राहुल गांधी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि पुराने नोटों को बदलने का पहला पुरस्कार जीतने पर आपको बधाई। राहुल ने लिखा है कि अमित शाह जी मुबारक हो, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक।
उन्होंने लिखा है, “750 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नोटबंदी के पांच दिन के अंदर बदलने का पहला पुरस्कार जीतने पर अहमदाबाद के सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह को बधाई। लाखों भारतीय जिनका जीवन नोटबंदी द्वारा नष्ट कर दिया गया था। एेसे में इस उपलब्धि पर, मैं आपको सलाम करता हूं।”
Congratulations Amit Shah ji , Director, Ahmedabad Dist. Cooperative Bank, on your bank winning 1st prize in the conversion of old notes to new race. 750 Cr in 5 days!
Millions of Indians whose lives were destroyed by Demonetisation, salute your achievement. #ShahZyadaKhaGaya pic.twitter.com/rf1QaGmzxV
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2018
कांग्रेस द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ट्विटर पर #ShahZyadaKhaGaya नंबर वन पर ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के जरिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता, कार्यकर्ता और समर्थक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से जुड़ी इस खबर को जमकर शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अमित शाह पर निशाना साधने के दौरान इस हैशटैग का इस्तेमाल किया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जिस बैंक के निदेशक रहे हैं वह वर्ष 2016 में हुए नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा प्रतिबंधित 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने वाला जिला सहकारी बैंक है। यह खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए मांगी गई जानकारी से आया है। बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ नंवबर 2016 में उस समय चलन में रहे 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें चलन से बाहर कर दिया था।
IANS के मुताबिक मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता को मिली जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने के महज पांच दिन के भीतर 745.59 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट प्राप्त किए थे। गौरतलब है कि नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन बाद 14 नवंबर 2016 को सभी जिला सहकारी बैंकों को लोगों से प्रतिबंधित नोट जमा लेने से मना कर दिया गया था, क्योंकि यह आशंका जताई गई थी कि सहकारी बैंकों के जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है।
बैंक की वेबसाइट के अनुसार, अमित शाह उस समय बैंक में निदेशक पर थे और वह कई साल से इस पद पर बने हुए हैं। वह 2000 में बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं। एडीसीबी के पास 31 मार्च 2017 को कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.31 करोड़ रहा। एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा करने वाला सहकारी बैंक राजकोट जिला सहकारी बैंक है, जिसके अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार में कैबिनेट मंत्री जयेशभाई विट्ठलभाई रडाड़िया हैं। इस बैंक ने 693.19 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा लिए थे।जाहिर है कि राजकोट गुजरात में बीजेपी की राजनीति का केंद्र रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से 2001 में विधायक चुने गए थे। गौर करने बात यह है कि अहमदाबाद और राजकोट के जिला सहकारी बैंकों द्वारा जमा प्राप्ति का यह आंकड़ा गुजरात राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा जमा प्राप्त रकम 1.11 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है।
आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस. रॉय ने आईएएनएस को बताया, नोटबंदी के बाद पहली बार राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में जमा रकम की जानकारी का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है। आरटीआई में मिली जानकारी मुख्य महाप्रबंधक और अपीलय प्राधिकारी और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के एस. सर्वानवल द्वारा दी गई है।