केंद्र में एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में साथ देने वाली शिवसेना ने ऐसी बात कही है जो कांग्रेस के लिए तो अच्छी है, लेकिन बीजेपी को थोड़ी खल सकती है। दरअसल शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार (6 मई) को दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस ‘नंबर एक पार्टी’ के रूप में उभरेगी। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए राज्यों के चुनावों प्रचार में पूरे केंद्रीय तंत्र को झोंकने का आरोप लगाया और इस चलन की आलोचना की।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी विधान परिषद चुनाव में बीजेपी के साथ समझौते का मतलब यह नहीं है कि शिवसेना 2019 में होने वाले लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनाव में उसके साथ गठबंधन करेगी। राउत ने कहा, ‘जहां भी विधानसभा चुनाव होते हैं, वहां केंद्र का पूरा कुनबा और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ( प्रचार के लिए ) पहुंच जाते हैं। ऐसे में देश और राज्यों के प्रशासन को अधर में छोड़ दिया जाता है। देश ये सबकुछ देख रहा है।’
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कितनी गंभीरता से अपने फर्ज को लिया है, यह इससे दिख रहा है कि जहां उनका अपना राज्य धूल भरी आंधी का कहर झेल रहा है, वह कर्नाटक में चुनाव प्रचार करते दिख रहे हैं।
शिवसेना नेता ने सवाल किया, ‘क्या ( बीजेपी के ) केंद्रीय नेतृत्व को प्रदेश के अपने ही लोगों पर भरोसा नहीं है ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दर्जनों चुनावी रैलियों को संबोधित करने की क्या जरूरत है जबकि दिल्ली में शासन के लिए उनकी जरूरत है?’ बता दें, शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र की सरकारों में बीजेपी की साझीदार है। इसके बावजूद वह कई मुद्दों को लेकर बीजेपी के खिलाफ मुखर रही है।
राउत ने कहा, ‘कर्नाटक में इस वक्त ‘धूल भरी आंधी ’ चल रही है और जब छंटेगी तो कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। लोगों ने अब राहुल गांधी को सुनना शुरू कर दिया है। ’ शिवसेना नेता ने उम्मीद जतायी कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी बहुमत हासिल करेगी और अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का ही होगा।