रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन में दोषी ठहराया है, इतना ही नही आयोग ने उन्हें भविष्य में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह भी दी है। बता दें कि, गोवा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने वोटरों से कहा था कि विरोधी पार्टी के लोग भी पैसे दें तो वे रख लें और वोट भाजपा को ही दें। आयोग ने पर्रिकर को लिखे गये पत्र में यह हिदायत दी।
गौरतलब है कि आयोग ने श्री पर्रिकर को इस संबंध में नोटिस जारी किया था और श्री पर्रिकर ने अपने वकील जय अनन्त देहदराय के माध्यम से तीन फरवरी को इसका जवाब दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने यह पाया कि श्री पर्रिकर का बयान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन है।
आयोग ने कहा है कि ऊंचे संवैधानिक पदों पर कार्यरत सभी नेताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को बनाये रखें। ऐसे व्यक्तियों द्वारा जनता में दिये गये बयान से अगर यह संकेत मिलता है कि वे मतदाताओं द्वारा रिश्वत देने की बात कह रहे हैं तो इसे भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। यह देखते हुए आयोग श्री पर्रिकर को हिदायत देता है कि वे भविष्य में बयान देते समय अपनी सीमा में रहें और सावधानी बरतें।
बता दें कि, वहीं कुछ दिनों पहले मनोहर पर्रिकर जैसा ही बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिए जाने पर पूछा था कि क्यों न आम आदमी पार्टी की सदस्यता को रद्द कर दिया जाए। आपको बता दें कि, पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता को लागू करवाने का जिम्मा चुनाव आयोग पर है।