बिहार सरकार के किसी मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक या अभद्र टिप्पणी करने पर अब कानूनी कार्रवाई होगी। बिहार सरकार ने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक और बदनाम करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को साइबर क्राइम की श्रेणी में लाने का फैसला किया है।

राज्य की आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) नैयर हसनैन खान ने बिहार सरकार के सभी विभागों के सभी प्रधान सचिवों को पत्र लिखकर सरकारी पदाधिकारियों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और सरकार के किसी भी विभाग के प्रमुख के खिलाफ सोशल मीडिया और इंटरनेट पर आपत्तिजनक, मानहानि करने वाले या गलत और भ्रामक टिप्पणी करने वालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपराध शाखा को सूचित करने का अनुरोध किया है। राज्य में आर्थिक अपराध शाखा ही साइबर अपराध शाखा की नोडल एजेंसी है।
बिहार सरकार की ओर से जारी नए फरमान के मुताबिक, प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने के आरोप में ऐसा करने वाले लोगों के विरूद्ध आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और जांच की जाएगी। राज्य में आर्थिक अपराध शाखा ही साइबर अपराध शाखा की नोडल एजेंसी है। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच में वह स्थानीय पुलिस को भी सहयोग देती है।
बिहार सरकार के इस फैसले पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि ट्वीट कर कहा कि, “हे बिहार सरकार! कहां ले जा रहे हैं बिहार को। आलोचना से इतना डर! जनादेश को शासनादेश से बदलने का नतीजा कुछ यूं होता है क्या? बकौल फ़ैज़: निसार मैं तेरी गलियों के ए वतन कि जहां चली है रस्म की कोई ना सर उठा के चले…”
हे बिहार सरकार! कहां ले जा रहे हैं बिहार को।आलोचना से इतना डर!जनादेश को शासनादेश से बदलने का नतीजा कुछ यूं होता है क्या? बकौल फ़ैज़: निसार मैं तेरी गलियों के ए वतन कि जहां चली है रस्म की कोई ना सर उठा के चले… pic.twitter.com/vkp5GEaSad
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) January 22, 2021
बता दें कि, बिहार उन कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां सरकार के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन अब ऐसे दिन खत्म होने जा रहे हैं।