पिछले साल 73 दिनों के गतिरोध के बाद सुलझे डोकलाम विवाद को लेकर चीन की ‘चालबाजी’ फिर शुरू हो गई है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (5 मार्च) को खुद यह स्वीकार करते हुए कहा कि चीन डोकलाम इलाके में अपनी सेना के लिए हेलिपैड्स और संतरी चौकियों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने डोकलाम में गतिरोध स्थल से दूर फिर से अपनी तैनाती की है और चीन ने वहां सेना के जवानों के लिए हेलीपैड और संतरी चौकियों का निर्माण किया है।रक्षा मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि, 2017 में बने रहे गतिरोध के समाप्त होने के बाद दोनों पक्षों के जवानों ने खुद को गतिरोध स्थल में अपनी-अपनी स्थितियों से दूर फिर से तैनात किया है। दोनों पक्षों की संख्या कम हो गई है। उन्होंने कहा कि, ‘‘सर्दियों में भी ये सैनिक बने रहें, इसके लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने संतरी चौकियों, खंदकों और हैलीपैड समेत कुछ बुनियादी ढांचों का निर्माण किया है।’’
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने पिछले सप्ताह कहा था कि चीन के साथ भारत की सीमा पर हालात संवेदनशील है और इसके गहराने की आशंका है। उन्होंने कहा था कि, ‘‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति संवेदनशील है और गश्त, अतिक्रमण तथा गतिरोध संबंधी घटनाओं के चलते इसके बढ़ने की संभावना है।’’ दोनों देशों के बीच लगभग चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के रूप में जाना जाता है।
राष्ट्र निर्माण में सेना के योगदान विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा था, ‘‘हालांकि विश्वास बहाली के कदम उठाए जा रहे हैं, फिर भी हम एलएसी की गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी कार्रवाई करते रहेंगे।’’
बता दें कि डोकलाम में पिछले साल उस समय भारत और चीन के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को विवादित क्षेत्र में सड़क बनाने से रोक दिया था। 16 जून से शुरू हुआ गतिरोध 28 अगस्त को खत्म हुआ था।
सूत्रों का कहना है कि चीन ने उत्तरी डोकलाम में अपने सैनिक रखे हुए हैं और विवादित क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूप से अपनी अवसंरचना खड़ी कर रहा है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में कहा था कि भारत के लिए समय आ गया है जब वह अपना ध्यान पाकिस्तान से लगती सीमाओं से हटाकर चीन से लगती सीमा पर केंद्रित करे।