महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने हाल ही में यह ऐलान किया था कि अगला लोकसभा चुनाव वह अकेले लड़ेगी। इस बीच शिवसेना के बाद अब एक और सहयोगी दल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने के संकेत दिए हैं। तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से नाता तोड़ने का इशारा दिया है। उन्होंने अलग होने की संभावनाओं के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है।

नायडू ने शनिवार (27 जनवरी) को दोस्ती का हवाला देते हुए सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ विवाद पर बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तब बोलेंगे, जब भगवा दल गठबंधन जारी रखना नहीं चाहेगा। नायडू ने अपनी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में यह कहा।
नायडू ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्दे के बारे में सोचना बीजेपी नेताओं पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा। उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए।’ नायडू ने कहा है कि पिछले कुछ समय से राज्य में बीजेपी के नेता टीडीपी की आलोचना कर रहे हैं। इन्हें रोकने की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व की है।
We are maintaining 'Mitra Dharma' with BJP but if it does not want to continue with the alliance, we will go on our own: N Chandrababu Naidu, Andhra Pradesh CM & TDP President (file pic) pic.twitter.com/wZv13mRbg5
— ANI (@ANI) January 27, 2018
चंद्रबाबू ने कहा है कि, ‘गठबंधन धर्म के कारण हम अब तक शांत रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि अगर वे हमें नहीं चाहते तो हम उनसे ‘नमस्कार’ कर लेंगे और अपनी अलग राह पर चल पड़ेंगे। बता दें कि बीजेपी नायडू सरकार का हिस्सा है और कैबिनेट में उसके दो मंत्री भी हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी सहयोगी दलों को महत्व नहीं दे रही है, इसीलिए पार्टी ने अपनी भविष्य की अलग रणनीति तय कर ली है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 2019 के चुनाव में अलग लड़ने का ऐलान कर दिया है।