सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों में 10वीं कक्षा तक हिंदी की पढ़ाई को कम्पल्सरी किया जा सकता है। संसदीय समिति द्वारा की सिफारिशों में से ज्यादातर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है।

इन्हीं सिफारिशों में से एक 10वीं कक्षा तक के लिए हिंदी को एक अनिवार्य विषय बनाए जाने की भी थी। पीटीआई की ख़बर के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) से भी समिति ने पाठ्यक्रमों में हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाने के मद्देनजर ठोस कदम उठाने के लिए कहा था।
समिति की इस सिफारिश को स्वीकार्य करते हुए राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश में कहा गया, ‘यह सिफारिश सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार की जाती है। केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श कर एक नीति बनानी चाहिए।’
राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश के मुताबिक,’मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को हिंदी भाषा को पाठ्यक्रम में जरूरी बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।
पहले प्रयास के तौर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन और सीबीएसई के स्कूलों में 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाना चाहिए।’ राजभाषा पर संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट में यह सिफारिशें की गई हैं।
यह रिपोर्ट 2011 में सौंपी गई थी। सीबीएसई ने पिछले साल तीन भाषा का फार्मूला (अंग्रेजी और दो अन्य भारतीय भाषाएं) नौवीं और दसवीं कक्षा में भी लागू करने की सिफारिश की थी। हालांकि मंत्रालय ने अब तक इस सुझाव पर कोई फैसला नहीं किया है।