CBSE Board Exam 2021: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को उसके “छात्र-विरोधी रवैये” के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि वे कई मामलों में छात्रों को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाकर उनके साथ शत्रु की तरह व्यवहार कर रहे हैं। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएंओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट परीक्षा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए सीबीएसई बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in को फॉलों कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने यह टिप्पणी बोर्ड द्वारा एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण रद्द परीक्षा से प्रभावित छात्रों के लिए सीबीएसई द्वारा लाई गई पुनर्मूल्यांकन योजना, अंक सुधार के आवेदकों पर भी लागू होगी।
कोर्ट ने कहा कि हम सीबीएसई का छात्र विरोधी रुख पसंद नहीं करते। आप छात्रों को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक खींच रहे हैं। क्या उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए या अदालत जाना चाहिए? हमें सीबीएसई से मुकदमा खर्च भुगतान करवाना शुरू करना चाहिए। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि सीबीएसई छात्रों के साथ शत्रु जैसा व्यवहार कर रहा है। पीठ ने आगे कहा कि, यदि यह योजना सभी अंक सुधार इच्छुक छात्रों पर भी लागू की जाती है, तो इसमें नुकसान कैसे है?
बता दें कि, एकल पीठ ने 14 अगस्त की सुनवाई में अपने आदेश में कहा था कि महामारी के कारण सीबीएसई की रद्द परीक्षा से प्रभावित स्टूडेंट्स के लिए मूल्यांकन की जिस योजना को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दी है, वह अंक सुधार परीक्षा में बैठने वाले छात्रों पर भी लागू होगी, क्योंकि वे भी महामारी से समान रूप से पीड़ित हैं।
मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीबीएसई को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई भूचाल नहीं आ रहा था कि आप इस समय कोर्ट आए हैं। पीठ ने कहा कि सीबीएसई को छात्रों को कोर्ट में घसीटने की बजाए स्पष्टीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी 2021 की तारीख तय की गई है।
बता दें कि, सीबीएसई दिसंबर में कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए डेटशीट जारी करता है और फरवरी-मार्च में परीक्षा आयोजित करता है। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उम्मीद की जा रही है कि सीबीएसई इस बार मार्च व अप्रैल में परीक्षा आयोजित नहीं कर पाएगा। इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अप्रैल-मई के महीने में आयोजित हो सकती है क्योंकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देशभर के स्कूल 8 महीने से बंद हैं।