नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मीडिया के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच शुक्रवार(17 फरवरी) को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जंग देखने को मिली। पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कुछ ऐसे दावे किए जिसे एनबीसी न्यूज के पत्रकार पीटर एलेक्जेंडर ने उन्हें दुनिया भर के पत्रकारों के सामने शर्मसार कर दिया।
दरअसल, संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के बाद अमेरिका के इतिहास में सबसे अधिक 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट उन्होंने हासिल किया है। ट्रंप ने अपनी तारीफ करते हुए कहा कि इस बार भारी संख्या में अमेरिकी लोगों ने घर से बाहर निकलकर मतदान किया, ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया है।
इस बीच निडर पत्रकार एलेक्जेंडर ने उनके बोलने के दौरान बीच में ही हस्तक्षेप करते हुए ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया। पत्रकार ने ट्रंप को याद दिलाते हुए कहा कि आप बहुत आसानी से यह दावा कर रहे हैं कि 306 इलेक्टोरल वोट पाकर आपने इतिहास रच दिया है, जबकि हकीकत यह है कि पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को आपसे कहीं ज्यादा 365 वोट मिले थे।
इसके बाद ट्रंप को गलती का अहसास होने के बाद अपने ही दावों पर पलटी मारते हुए कहा कि मैं रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों के बारे में बात कर रहा था। लेकिन एक बार फिर एलेक्जेंडर ने ट्रंप के इस दावों को भी खारिज करते हुए उन्हें याद दिलाया कि रिपब्लिकन के ही पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को भी आपसे कहीं ज्यादा 426 इलेक्टोरल कॉलेज वोट वोट मिले थे।
ट्रंप के शर्मसार होने के बाद पत्रकार ने उनसे पूछा कि आप पर अमेरिका की जनता क्यों भरोसा करे, जब आप खुद गलत आंकड़ा पेश कर रहे हैं, वहीं जिस अमेरिकी मीडिया पर जनता विश्वास करती है उसे आप झूठा करार दे रहे हैं। गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले दौरान एक प्रेस कॉन्फेंस में अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की खबरों को झूठा करार दिया था।
ट्रंप को जब इस बात का अहसास हुआ कि उन्होंने गलत आंकड़ा पेश किया है तो वे अपनी गलतियों का सारा ठीकरा दूसरों पर फोड़ते हुए कहा कि आप ठीक कह रहे हैं, दरअसल मुझे मेरे सहयोगियों ने गलत जानकारी दी थी।
क्या भारत में भी ऐसा हो सकता है?
अब सवाल यह उठता है कि क्या कोई भारतीय पत्रकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए किसी गलत जानकारी के बारे में उनसे(मोदी) ट्रंप के जैसे कठिन सवाल पूछ सकता है? क्योंकि आजकल भारत में दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी ब्रिगेड ट्रंप और पीएम मोदी की तुलना कर रहे हैं।
भारत में तो प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अभी तक कोई भी प्रेस कॉन्फेंस तक आयोजित नहीं किया है। जबकि, मीडिया से नाराजगी के बावजूद भी ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद लगातार पत्रकारों से खुलकर बात कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप से लगातार कठिन से कठिन सवाल पूछा जा रहा है।
क्योंकि पीएम मोदी ने कई बार अपने भाषणों में गलतियां की हैं। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर मोदी ने 2013 में पटना के गांधी मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए तक्षशिला को बिहार में बताने के साथ सिकंदर के गंगा किनारे तक आने तथा चंद्रगुप्त को मौर्य वंश की बजाय गुप्त वंश का बताया था। उसके बाद मोदी ने कई इंटरव्यू दिए, लेकिन किसी पत्रकार ने इस बारे में उनसे सवाल पूछने की जरूरत महसूस नही की।
President Donald Trump is corrected by NBC reporter after falsely claiming he had the biggest electoral margin since President Reagan. pic.twitter.com/a7K16mU0Pc
— Channel 4 News (@Channel4News) February 16, 2017