भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के युवा मोर्चा ने शुक्रवार (10 नवंबर) को आउटसोर्सिंग में आरक्षण देने को लेकर बिहार की राजधानी पटना में विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी युवा कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन पटना के पास बिहटा में विरोध देखने को मिला। बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के अलावा बिहटा के सवर्ण समाज के लोगों ने भी इस आरक्षण का विरोध करते हुए नीतीश कुमार और सुशील मोदी का पुतला जलाया।
प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। इन दोनों के अलावा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, वशिष्ठ नारायण सिंह और ललन सिंह का भी पुतला दहन किया। लोगों का कहना है कि बिहार सरकार सवर्णों के साथ अन्याय कर रही है। हर जाति में गरीब हैं। सवर्ण में भी गरीब हैं।
सरकार गरीब सवर्णों के लिए कुछ नहीं कर पा रही है। उन्होंने गरीब सवर्णों के लिए हर क्षेत्र में 20 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की। बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि बीजेपी पूरी तरह से आउटसोर्सिंग में आरक्षण के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बीजेपी-जेडीयू की सरकार ने सर्वसम्मति से आउटसोर्सिंग में आरक्षण का यह निर्णय लिया है।
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक सुशील मोदी ने कहा था कि, ‘आउटसोर्स के अंतर्गत काम करने वाले कर्मियों को सरकार राशि उपलब्ध कराती है, इसलिए बिहार में इसे कड़ाई के साथ लागू किया जाएगा। भविष्य में प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के अध्यक्ष पद के चुनाव में भी सरकार आरक्षण की व्यवस्था को लागू करेगी।’
सुशील मोदी ने हालांकि यह भी साफ किया था कि बीजेपी अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ के पक्ष में कभी नहीं रही है। उन्होंने कहा था कि पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान है, इसलिए बीजेपी की सरकार ने अधिक से अधिक पिछड़ों को इसके दायरे में लाने के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को छह से बढ़ा कर आठ लाख कर दिया है।