योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कोरोना वायरस के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार को ‘कोरोनिल’ नाम की एक दवाई लॉन्च की थी। लेकिन, पतंजलि द्वारा निर्मित ‘कोरोनिल’ दवाई लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है। मंगलवार शाम स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए जाने के कुछ ही घंटे बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने अगले आदेश तक दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी। यही नहीं, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से दवा की कम्पोजिशन, रिसर्च स्टडी और सैम्पल साइज समेत तमाम जानकारी साझा करने को कहा। इसी बीच, मौजूदा भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके डॉ. सत्यपाल सिंह ने आयुष मंत्रालय के इस रुख पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इशारों-इशारों में आयुष मंत्रालय पर निशाना साधते हुए कहा कि, समय बड़े स्वार्थों को समझने का है।
उत्तर प्रदेश के बागपत से भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “यह सही समय है जब आयुर्वेद के आचार्य, आयुर्वेद प्रेमी, तथा भारत सरकार मिलकर आयुर्वेद को योग की तर्ज पर दुनियां में स्थापित कर सकते हैं। समय बड़े स्वार्थों को समझने का है, विवाद का नहीं, संवाद का है।” बता दें कि, अपने इस ट्वीट में उन्होंने आयुष मंत्रालय, पीएमओ, पीएम नरेंद्र मोदी, आचार्य बालकृष्ण, बाबा रामदेव और पतंजलि ग्रुप को भी टैग किया है।
यह सही समय है जब आयुर्वेद के आचार्य, आयुर्वेद- प्रेमी, तथा भारत सरकार मिलकर आयुर्वेद को योग की तर्ज पर दुनियाँ में स्थापित कर सकते हैं। समय बड़े स्वार्थों को समझने का है,विवाद का नहीं, संवाद का है। @moayush@yogrishiramdev @Ach_Balkrishna #Patanjali @PMOIndia @narendramodi
— Dr. Satya Pal Singh (@dr_satyapal) June 25, 2020
गौरतलब है कि, पंतजलि योगपीठ हरिद्वार की ओर से मंगलवार को कोरोना वायरस के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लांच की थी। पतंजलि योगपीठ ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इसका क्लिनिकल ट्रायल किया था और कोरोना संक्रमित लोगों पर इसका सौ फ़ीसद सकारात्मक असर हुआ है। पतंजलि की इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि जांच होने तक पतंजलि ग्रुप को इस दवा का प्रचार-प्रसार बंद कर देना चाहिए।