‘पनामा पेपर’ के बाद अब ‘पैराडाइज पेपर्स’ (1.34 करोड़ दस्तावेज) में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छुपाने के मामलों से जुड़ी फाइलें सामने आई हैं। इसमें ब्रिटेन की महारानी की निजी जागीर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्रियों, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के मुख्य फंडरेजर, मोदी सरकार के मंत्री जयंत सिन्हा, बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर (आरके) सिन्हा समेत फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं।इस बीच सोमवार को सांसद आरके सिन्हा से जब पैराडाइज पेपर्स खुलासे में उनके नाम के बारे में पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने मौनव्रत धारण करने का इशारा करते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। दरअसल पैराडाइज पेपर्स उनके नाम होने के चलते जब मीडिया ने सवाल किया तो सिन्हा ने दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया है। सिन्हा ने पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर यह लिख कर जवाब दिया कि अभी उनका मौनव्रत चल रहा है।
पहले तो उन्होंने सिर हिलाकर जवाब देने से इनकार कर दिया। फिर भी मीडियाकर्मियों द्वारा बार-बार सवाल पूछने के बाद पत्रकारों से एक पेन लेकर एक कागज में लिखा, ‘7 दिन के भागवत महायज्ञ में मौन व्रत है।’ सिन्हा ने कागज पर लिखकर बताया कि वो अगले सात दिनों तक किसी भी मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेंगे।
#WATCH: BJP MP Ravindra Kishore Sinha's reaction on being asked about a news report of his security firm being linked to 2 offshore entities pic.twitter.com/AryNIJdq8h
— ANI (@ANI) November 6, 2017
बता दें कि 2014 में बिहार से सांसद चुने गये आरके सिन्हा की गिनती बीजेपी के अमीर नेताओं में होती है। पूर्व पत्रकार रवींद्र किशोर की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सामने आया है। दस्तावेज में स्पष्ट है कि इस कंपनी की विदेश में दो कंपनियां है। माल्टा रजिस्ट्री के रिकॉर्ड के मुताबिक एसआईएस सिक्यॉरिटीज की सहायक कंपनी एसआईएस एशिया पैसिफिक होल्डिंग्स (SAPHL)2008 में माल्टा में रजिस्टर्ड हुई। सिन्हा की पत्नी रीत किशोर इस कंपनी की डायरेक्टर हैं।
इसी के साथ एसआईएस इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (SIHL) ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में शामिल है जिसके SAPHL में 3, 999,999 (करीब 40 लाख) शेयर हैं। माल्टा रजिस्ट्री से मिले 13 अक्टूबर 2008 के दस्तावेजों के अनुसार, SAPHL के प्रत्येक एक यूरो के करीब 1499 साधारण शेयर माल्टा की पीसीएल इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड से एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड में ट्रांसफर हुए थे।
जयंत सिन्हा ने भी दी सफाई
वहीं, पैराडाइज पेपर्स मामले में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने भी सफाई दी है। सिन्हा ने सफाई देते हुए दावा किया है कि सितंबर 2009 में वह ओमिद्यार नेटवर्क से बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर जुड़े थे। सिन्हा ने माना है कि वह कंपनी के भारत से जुड़े मामलों को देखते थे लेकिन दिसंबर 2013 में उन्होंने इस कंपनी से संबंध खत्म करते हुए अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की।
आज तक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सिन्हा ने माना है कि 2010 में ओमिद्यार नेटवर्क का अमेरिकी कंपनी डी लाइट डिजाइन में निवेश की प्रक्रिया को उन्होंने शुरू किया था और उसके बाद नवंबर 2014 तक वह इस अमेरिकी कंपनी के बोर्ड में ओमिद्यार नेटवर्क की तरफ से शामिल रहे।
सिन्हा के मुताबिक डी लाइट में वह दिसंबर 2013 तक ओमिद्यार नेटवर्क की तरफ से शामिल रहे जिसके बाद जनवरी 2014 से नवंबर 2014 तक वह डि लाइट के स्वतंत्र निदेशक रहे। सिन्हा ने बाताया कि 2014 में मंत्रीपरिषद में शामिल होने से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अब वह किसी तरह से कंपनी के कामकाज से नहीं जुड़े हैं।
क्या है मामला?
1.34 करोड़ दस्तावेजों के इस सेट को ‘पैराडाइज पेपर्स’ नाम दिया गया है। यह खुलासा पनामा पेपर्स के खुलासे के 18 महीनों बाद हुआ है। दोनों ही खुलासे जर्मनी के अखबार जीटॉयचे साइटुंग ने किए हैं। इन खुलासों को करने के लिए इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की ओर से छानबीन की गई है। आपको बता दें कि यह कंसोर्टियम 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप करके यह काम करता है।
इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।
आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं।
119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं जो अपने ग्राहकों के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं। खास बात यह है कि ऐपलबाय का दूसरी सबसे बड़ी क्लाइंट एक भारतीय कंपनी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं।
इन भारतीयों के नाम का हुआ खुलासा
इस खुलासे में वर्तमान में केंद्र सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और बॉलिवुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन का भी नाम सामने आया है। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम राजनीति में आने से पहले ओमिड्यार नेटवर्क में साझीदारी को लेकर सामने आया है।
इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद और कारोबारी आरके सिन्हा की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सामने आया है। पैराडाइज पेपर्स लीक में अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के पुराने नाम नाम दिलनशीं का भी जिक्र है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों ने विदेशी फर्मों और फर्जी कंपनियों की मदद से अपने धन को ठिकाने लगाए।
अखबार के मुताबिक, यह बस शुरुआती खुलासा है और अभी ऐसे 40 से ज्यादा बड़े खुलासे और किए किए जाएंगे।पैराडाइज पेपर्स ने 18 महीने पहले आए पनामा पेपर्स की याद एक बार फिर ताजा कर दी है, जिसने दुनिया भर में खूब हलचल मचाई थी।