सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य प्रशांत परिचारक की सैनिकों पर विवादित टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की। विधानपार्षद की तुलना नशे में धुत्त व्यक्ति से करते हुए हजारे ने कहा, ‘परिचारक ने सैनिकों और उनकी पत्नियों पर जो टिप्पणी की है, मैं उसकी आलोचना करता हूं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हजारे ने एक बयान में कहा, ‘‘नशे में धुत्त व्यक्ति को एहसास नहीं होता है कि उसने शराब के नशे में क्या कहा है। इसी तरह सत्ता और धन के मद में चूर कुछ राजनीतिक लोगों को पता नहीं कि वे क्या कह रहे हैं, परिचारक उन्हीं में से एक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, परिचारक को पता नहीं होगा कि सैनिकों को दो महीने की छुट्टी मिलती है, जो वह अपने परिवार के साथ गुजारते हैं।
भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ाई लड़ने वाले हजारे ने परिचारक को चुनौती दी कि ‘‘वह जमा देने वाली हिमालय की ठंड में रह कर दिखाएं, जहां हमारे सैनिक रहते हैं। उन्होंने कहा, मैंने समाज और राष्ट्र हित में विवाह नहीं किया, इसके बावजूद मैं हमारे जवानों का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा।
बता दें कि, महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित विधानपरिषद सदस्य प्रशांत परिचारक ने सैनिकों की पत्नियों को लेकर विवादित बयान दिया है। अपने जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए परिचारक ने कहा था कि, ”सैनिक बच्चा होने के बाद पंजाब बॉर्डर पर मिठाइयां बांटते हैं, जबकि वे पूरे एक साल से घर नहीं आए थे।” वहीं परिचारक के इस बयान की समाज के विभिन्न हिस्सों ने निंदा की, जिसके बाद उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनका इरादा सैनिकों का अपमान करने का नहीं था। वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बयान को ‘पूरी तरह निंदनीय और अपमानजनक’ बताया था।