राजस्थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे गुरुवार (1 फरवरी) को आ गए। राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका लगा है। सभी सीटों पर बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस शर्मनाक हार के बाद राजस्थान बीजेपी में विरोध के सुर अभी से उठने लगे हैं।

जनसत्ता में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी विधायक घनश्याम तिवारी ने गुरुवार (1 फरवरी) को उपचुनाव हारने का कारण केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार को बताया है। घनश्याम तिवारी ने कहा कि, ”लोगों ने राजे सरकार को हटाने के बजाय उसे और केंद्रीय नेतृत्व को दंडित किया है। लोगों ने राजे सरकार को चार साल तक ही लूट जारी रखने की अनुमति दी थी।”
उन्होंने कहा कि इस हार के बाद राजे के केंद्रीय नेतृत्व के साथ संबंधों की करीबी से जांच हो सकती है। उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उतारे गए उम्मीदवार राजे की पसंद के ही थे और केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव प्रचार तक से दूरी बना रखी थी। हालांकि बीजेपी इस बात से सांत्वना ले सकती है कि उसके समर्थकों ने उसे अभी एक ‘वेक अप’ (जगाने वाली) कॉल दी है, अगर ऐसा है तो हो सकता है कि अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी को हराने वाले समर्थक वापस लौट आएं।
वहीं, अजमेर के 58 वर्षीय चंद्रेश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि- ”हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर बीजेपी का समर्थन किया। लोकिन नोटबंदी और जीएसटी सरकार के लिए ठीक नहीं बैठे।” इसके अलावा 58 वर्षीय सुनील जैन ने कहा कि अभी पीएम मोदी वह करते हैं जिससे वह खुश होते हैं, क्योंकि अभी आंतरिक या बाहरी प्रकार से कोई विपक्ष नहीं है।
उन्होंने कहा कि ”भाजपा के अर्थशास्त्र के अलावा सब कुछ अच्छा है। मैं बीजेपी का बहुत बड़ा समर्थक हूं लेकिन उसके कारण व्यापार में घाटा उठा रहा हूं। इसलिए हो सकता है कि 2019 में हम बीजेपी को फिर से चुनें, लेकिन अभी हम बीजेपी को जगाना चाहते हैं।”
राजस्थान में BJP की करारी हार
बता दें कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल की कुल तीन लोकसभा सीटों और दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे गुरुवार (1 फरवरी) को आ गए। राजस्थान में जहां कांग्रेस ने लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट पर जीत दर्ज कर ली है वहीं पश्चिम बंगाल की दोनों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, मांडलगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विवेक धाकड़ को जीत मिली है। धाकड़ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी शक्ति सिंह हाडा को 12,976 मतों के अंतर से हराया है। अलवर सीट से कांग्रेस डॉ. करण सिंह यादव ने बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को करीब 1,96,496 वोटों के अंतर से हरा दिया।
वहीं अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के रघु शर्मा ने राम स्वरूप लांबा को करीब 80 हजार वोटों के अंतर से पराजित कर दिया। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बेहद बुरी हार देख चुकी कांग्रेस के लिए उपचुनावों में इस तरह का प्रदर्शन संजीवनी का काम करेगी। प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा उपचुनाव के परिणाम दोनों दलों के लिए काफी मायने रखते हैं।
पश्चिम बंगाल में TMC की जीत
राजस्थान के अलावा पश्चिम बंगाल के उलुबेरिया लोकसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सजदा अहमद ने बीजेपी प्रत्याशी को 4 लाख 74 हजार 510 वोटों से हरा दिया है। बीजेपी प्रत्याशी अनुपम मलिकी को 2 लाख 93 हजार 46 वोट मिले। तृणमूल कांग्रेस ने नोआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भी जीत हासिल की। तृणमूल प्रत्याशी सुनील सिंह को यहां 1,01,729 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी संदीप बनर्जी को 38,711 वोट मिले। माकपा की गार्गी चटर्जी तीसरे स्थान पर रहीं।