गुजरात में बीजेपी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं है। अभी कुछ दिनों पहले ही मनचाहा विभाग न मिलने से ‘खफा’ चल रहे गुजरात के नवनिर्वाचित उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तो मना लिया लेकिन अब एक और मंत्री की नाराजगी सामने आई है।

न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, मंत्रालय आवंटन से नाराज मंत्री एवं कोली नेता पुरुषोत्तम सोलंकी आज कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। उनके भाई एवं पूर्व बीजेपी विधायक हीरा सोलंकी के नेतृत्व में समर्थक गांधीनगर में आज पुरूषोत्तम सोलंकी के आवास पर एकत्र हुए और अपने नेता को अच्छे विभाग दिए जाने की मांग की। असंतुष्ट कोली नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उनके समुदाय के लोगों को लगता है कि उन्हें कुछ और विभाग दिए जाने चाहिएं।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुरूषोत्तम सोलंकी ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि, कोली समुदाय के लोगों को मैंने नहीं बुलाया है। वे एकजुटता व्यक्त करने अपनी मर्जी से आए हैं। कोली समुदाय को लगता है कि मुझे कुछ और विभाग दिए जाने चाहिएं।
अपने भाई से मिलने के बाद हीरा सोलंकी ने कहा कि कोली समुदाय अपनी भावनाओं से भाजपा नेतृत्व को अवगत कराएगा। उन्होंने कहा, कोली समुदाय को विश्वास है कि न्याय होगा।
कल पुरूषोत्तम सोलंकी ने खुद को दिए गए विभाग को लेकर नाराजगी जताई थी और बेहतर विभागों की मांग की थी।उन्होंने दावा किया था कि पांच बार विधायक रहने के बावजूद नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की, जबकि कई कनिष्ठों को बेहतर विभाग दिए गए हैं।
कोली समुदाय के नेता को मत्स्य राज्यमंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में भी वह मत्स्य राज्यमंत्री थे। कल कार्यभार संभालने के बाद सोलंकी ने खुद को आवंटित विभाग को लेकर असंतोष व्यक्त किया था और कहा था कि मुख्यमंत्री के पास 12 विभाग हैं तथा अन्य मंत्रियों के पास भी कई-कई विभाग हैं।
उन्होंने कहा था, मेरा कोली समुदाय चाहता है कि उसे गुजरात कैबिनेट में बेहतर प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में कोली समुदाय से वह एकमात्र मंत्री हैं। सोलंकी ने कहा था, 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। इससे पहले कोली समुदाय को तय करना होगा कि किसका समर्थन किया जाए।
बता दें कि, सोलंकी बड़े जनाधार वाले नेता हैं और उनकी नाराजगी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के लिए चिंता का विषय साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि, इसके पहले पाटीदार नेता और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल वित्त, शहरी विकास और पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज चल रहे थे। आखिरकार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हस्तक्षेप किया और उनको वित्त विभाग देकर मना लिया गया।