कोलकाता में विपक्षी महागठबंधन की रैली में शनिवार को शामिल हुए अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्रवाई कर सकती है। बीजेपी ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष की रैली में पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी का वह संज्ञान लेगी। इसके साथ ही बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने सिन्हा को ‘‘अवसरवादी’’ बताया। उन्होंने कहा, “पार्टी इसका संज्ञान लेगी।”

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना से सांसद सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोलकाता में आयोजित रैली में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने मोदी और केंद्र की बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ बोला। राफेल विवाद पर उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप दोषी हैं और न ही यह कह रहा हूं कि आप निर्दोष हैं। लेकिन जब सवालों के जवाब नहीं दिए जा रहे हैं, तो लोग कहेंगे कि ‘चौकीदार चोर’ है।”
बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के एम्स से लौटने पर उनको पार्टी से निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने अब सीमा पार कर दी है, क्योंकि उन्होंने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।” बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में सिन्हा को ‘‘अवसरवादी’’ बताया और कहा कि सांसद के नाते सभी सुविधाओं के लिए वह पार्टी में भी हैं और साथ ही विभिन्न मंचों पर अलग-अलग राय भी व्यक्त कर रहे हैं।
रूडी ने कहा, ‘‘सिन्हा विभिन्न मंचों पर पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि बीजेपी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे और पार्टी इसका संज्ञान लेगी।’’ रूडी ने सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग ‘‘अलग-अलग तरीके से बुद्धिमान’’ होते हैं। वे पार्टी व्हिप का भी पालन करते हैं ताकि उनकी सदस्यता खत्म नहीं हो। उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही वे इतने अवसरवादी होते हैं कि…और किसी भी सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं। बीजेपी इसका संज्ञान लेगी।’’ उन्होंने कहा कि पटना साहिब के सांसद उन सारी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं, जो संसद सदस्य को मिलती है। बता दें कि सिन्हा और रूड़ी दोनों बिहार से आते हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा, “कुछ लोग सांसद होने का लाभ लेने के लिए भाजपा के बैनर हो ढोना चाहते हैं। ऐसे लोग पार्टी द्वारा व्हिप जारी करने पर संसद में मौजूद होते हैं, ताकि उनकी सदस्यता (सदन से) न जाए। लेकिन वे इतने अवसरवादी हैं कि अलग-अलग मंचों से अलग-अगल तरह की राय जाहिर करते हैं।” रूड़ी ने सिन्हा को बहुत चतुर बताते हुए उनपर पिछले पांच सालों में बीजेपी के किसी कार्यकलाप में मौजूद नहीं रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “मैंने पिछले पांच सालों में कभी उनको पार्टी के किसी भी कार्यकलाप में नहीं देखा। वह बहुत चतुर हैं और अपनी राजनीतिक समझ के अनुसार फैसले लेते हैं। वह खुद को बीजेपी के बताते हैं और विपक्ष की रैली में शामिल होते हैं। इसलिए, मुझे पक्का विश्वास है कि पार्टी इस पर कार्रवाई करेगी।” वहीं, बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने आईएएनएस से कहा कि सही समय पर सही फैसला लिया जाएगा।
‘BJP से हटाए जाने से नहीं डरते’
कोलकाता में विपक्षी नेताओं के साथ शनिवार को मंच साझा करते हुए बीजेपी के असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार बदलने का आह्वान किया और कहा कि वह सत्तारूढ़ दल से हटाए जाने से नहीं डरते। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को आईना दिखाना जारी रखेंगे। सिन्हा कई मुद्दों पर अपनी पार्टी से नाराज हैं और नोटबंदी, जीएसटी लागू करने जैसे कई कदमों की उन्होंने आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा आयोजित रैली में वह ‘राष्ट्र मंच’ के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं। इस संगठन की स्थापना बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने की है। रैली में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई यशवंत सिन्हा कह रहे थे कि इसके बाद पार्टी से मुझे जरूर निकाल दिया जाएगा। मैंने उनसे कहा कि कोई बात नहीं।’’
हिन्दी फिल्मों में दमदार संवाद के लिए पहचाने जाने वाले शत्रुघ्न ने कहा, ‘‘वह भारतीय जनता पार्टी में हैं लेकिन इसके पहले वह भारत की जनता के साथ हैं।’’ दो दिन पहले सिन्हा ने कहा था कि बीजेपी में उन्हें सम्मान नहीं मिला और वह कोलकाता रैली में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान सौदा, नोटबंदी और जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप तथ्यों को दबाए रखते हैं तो लोग तो कहेंगे कि चौकीदार चोर है।’’ राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए अक्सर इस तरह के शब्द बोलते हैं।
सिन्हा ने ममता बनर्जी, राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव की सराहना की। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि वाजपेयी के शासनकाल में लोकशाही थी और अब यह तानाशाही हो गयी है। उन्होंने मंच पर मौजूद सभी नेताओं से देश में बदलाव के लिए साथ आने का आह्वान किया। (इनपुट- भाषा-पीटीआई/आईएएनएस)