सोमवार (17 अप्रैल) को पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया और इस कार्यक्रम में राज्य सरकार ने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। लेकिन बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता होने के आधार पर कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, इसी बहिष्कार को आधार बनाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयमित लहज़े में, इशारों-इशारों में महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों को भी धन्यवाद दिया, और जो नहीं आए, उन्हें भी अलग से धन्यवाद कहा।
नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को पार्टी के नहीं, वैचारिक दृष्टिकोण से देखने की ज़रूरत थी। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जब देश में टकराव और असहिष्णुता का वातावरण बना हुआ है, उसमें गांधी के विचार को लेकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।
नीतीश कुमार ने बीजेपी और सहयोगी दलों द्वारा किए गए बहिष्कार पर कहा कि कार्यक्रम में आना या न आना उन पर निर्भर करता है, और उन्हें इस बात से कोई शिकायत नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता मंगल पांडे ने कहा, “हम दूर रहे क्योंकि लालू, जो दोषी हैं, उनको इस समारोह के लिए बुलाया गया था।”गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना के लिए अपनी उपस्थिति रद्द कर दी, कथित तौर पर उनकी पार्टी के बहिष्कार को ट्रिगर किया।
कार्यक्रम के बाद बीजेपी के सहयोगी तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उनकी इच्छा कार्यक्रम में शिरकत करने की थी। लेकिन बीजेपी के फैसले के बाद गठबंधन धर्म निभाने के लिए उन्होंने कार्यक्रम में नहीं जाना ही उचित समझा।
इस अवसर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, जिसके पास सत्ता होती हैं, वही अगर नफरत फैलाने, और डराने की कोशिश करेगा, तो देश के लोग उसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। देश में हिन्दू की नई परिभाषा पर भी राहुल ने कहा हिन्दू का मतलब सच्चाई की रक्षा करना होता है। उन्होंने कहा, हर किताब में लिखा है, हर व्यक्ति का आदर करो।
वहीं लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा का बहिष्कार विडंबना से टपका रहा था। “जो लोग स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लेते थे और नथुराम गोडसे (गांधीजी के हत्यारे) का समर्थन करते थे, वे अब बहिष्कार में सबक देते हैं।” साथ ही लालू ने कहा कि अगर केंद्रीय गृहमंत्री को इस कार्यक्रम में नहीं आना था, तो उन्होंने सहमति क्यों दी थी।