गुजरात दंगा: बिलकिस बानो रेप केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखी 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा

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बिलकिस बानो रेप और मर्डर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार(4 मई) को 11 दोषियों की अपील खारिज करते हुए इन दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें तीन आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की गई थी। 

बता दें कि जिन आरोपियों को हाईकोर्ट ने दोषी माना है उन्हें ट्रायल कोर्ट ने भी दोषी माना था। इस मामले में हाईकोर्ट ने 5 पुलिसकर्मी और दो डॉक्टरों को भी दोषी करार दिया है। उनपर मामले के सबूत मिटाने के आरोप थे और निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

हालांकि, इन्हें अब जेल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि ये आरोपी ट्रायल के दौरान करीब साढ़े चार साल तक सजा काट चुके हैं। इससे पहले निचली अदालत से जमानत मिलने के बाद ये पुलिस फोर्स में वापस चले गए थे।

क्या है मामला?

3 मार्च, 2002 को गुजरात में गोधरा दंगों के बाद 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था। इस हमले के दौरान 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस बानो उस समय मात्र 19 साल की थी, और 5 माह की गर्भवती थी। उनके साथ गैंगरेप किया गया था। रेप के बाद बिलकिस को पीटा गया और मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया। इस दर्दनाक घटना में बिलकिस की 3 साल की बेटी और दो दिन का बच्चे की भी मौत हो गई थी।

इस मामले में 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 11 लोगों को हत्या और गैंगरेप का आरोपी माना था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनवाने के लिए 2011 में सीबीआई इस केस को लेकर हाईकोर्ट गई थी।

विशेष अदालत ने जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, विपिन जोशी, केशरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरदिया, बाकाभाई वोहानिया, राजनभाई सोनी, नीतीश भट्‍ट और रमेश चंदाना शामिल हैं।

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