बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद से चुप रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के नेतृत्वकर्ता तेजस्वी यादव ने गुरुवार (12 नवंबर) को कहा कि जनादेश महागठबंधन के पक्ष में है, जबकि चुनाव आयोग का दिया नतीजा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में रहा।
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, ”जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में आया। यह पहली बार नहीं हुआ है। 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब वोट हमारे पक्ष में थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री ली।”
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की जेडी (यू) तीसरे स्थान पर रही। यदि उनकी (नीतीश कुमार) नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अपना लोभ छोड़ देना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से हम उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की दोबारा गिनती किए जाने की मांग करते हैं, जहां इनकी गिनती शुरू में नहीं अंत में की गई।
तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए को एक करोड़ 57 लाख वोट मिले हैं यानी 37.3 फीसदी वोट एनडीए को मिला है। लेकिन महागठबंधन को एक करोड़ 56 लाख 888 हजार 458 वोट मिले हैं। महागठबंधन को 37.2 फीसदी वोट मिले हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच 12 हज़ार वोट का अंतर है।
गौरतलब है कि, 243 सदस्यों वाली बिहार विधान सभा के चुनाव नतीजों में 75 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि 74 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही है। नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए को 125 सीटों के साथ बहुमत हासिल हुआ है। वहीं, विपक्षी महागठबंधन 110 सीटें जीतने में कामयाब रहा है।