उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन हुई सांप्रदायिक हिंसा के बीच घटना का बिना उल्लेख किए बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूरे वाकये पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाने और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे का अजीब रिवाज बन गया है।

डीएम राघवेंद्र सिंह की इस फेसबुक पोस्ट को कासगंज हिंसा से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। विक्रम सिंह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में सवाल पूछते हुए कहा है कि मुसलमान इलाको में जाकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारा लगाना ट्रेंड क्यों बन गया है?
खास बात यह है कि जिलाधिकारी ने यह पोस्ट कासगंज में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर हुए विवाद के महज दो दिन बाद 28 जनवरी की शाम को आर विक्रम सिंह नाम से बने अपने फेसबुक पेज पर डाली। पोस्ट में यात्रा निकालने के लिए मार्ग चुनने और फिर वहां पर नारेबाजी की बात को लिखा है।
रविवार (28 जनवरी) रात को अपनी पोस्ट में बरेली के जिलाधिकारी विक्रम सिंह ने लिखा था, “अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए…”
सिंह द्वारा रविवार देर रात लिखी गई यह पोस्ट सोमवार शाम तक काफी वायरल हो गई। पोस्ट के पक्ष और विपक्ष में कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आईं। हालांकि, विवाद बढ़ता देख जिलाधिकारी ने सोमवार की रात करीब 11.25 बजे अपनी पोस्ट को एडिट कर उसकी जगह 26 जनवरी को ऐतिहासिकता से जुड़ा कंटेंट डाल दिया।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने दैनिक जागरण से कहा कि, ‘पोस्ट मैंने ही किया था। मेरा आशय किसी मजहब या भावनाओं को आहत करना नहीं था। ऐसी घटनाओं से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है। प्रशासन, पुलिस के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी दिक्कतें खड़ी होती हैं। हम विकास के बारे में सोच रहे हैं, उसके बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं से अनावश्यक अवरोध होते हैं। आपसी सौहार्द से ही तरक्की हासिल होती है।’
उधर, राज्य सरकार ने जिलाधिकारी सिंह के बयान को गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को स्थिति ठीक करने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिये। उन्होंने कहा कि बयानबाजी से बचना चाहिए। सोशल मीडिया के जरिये बयान देना गलत है। स्थिति ठीक करने में सहयोग करें।
बता दें कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर कासगंज शहर में कथित रूप से तिरंगा यात्रा के दौरान आपत्तिजनक नारों को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और फायरिंग में अभिषेक उर्फ चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की मौत हो गई थी तथा कुछ अन्य घायल हो गये थे। इस वारदात के बाद शहर में रह-रहकर हिंसक वारदात हुई थीं। मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।