
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य खाद्य सुरक्षाधिकारी हरींद्र सिंह ने बताया कि जो नमूने जांच में फेल आए हैं, उनके विक्रेताओं को नोटिस भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। ख़बरों के अनुसार, रिपोर्ट की बात मानें तो खाने के लिए पतंजलि आटा नूडल्स है नुक्सानदायक है। गौरतलब है कि, इससे पहले भी बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के कई उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फेल हो चुके है।
आपको बता दे कि इससे पूर्व बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर कोर्ट ने 11 लाख का जुर्माना लगाया था। मिथ्या छाप (मिस ब्रांडिंग) एवं भ्रामक प्रचार के पांच मामलों में दोषी पाए जाने पर एडीएम हरिद्वार (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने पतंजलि आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर ये जुर्माना लगाया था।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब पतंजलि आयुर्वेद अपने खाद्य प्रदार्थों के गुणवत्ता के दावों को लेकर रेग्युलेटर्स के साथ विवादों में घिरी है। इससे पहले बिना लाइसेंस के नूडल्स और पास्ता बेचने के लिए उसकी खिंचाई की गई थी। तब एफएसएसएआई ने सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वह पतंजलि को उसके खाद्य तेल ब्रैंड के विज्ञापन को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी करे। सीएसडी की शुरुआत 1948 में की गई थी, इसके तहत 3901 कैंटीन और 34 डिपो हैं। इसका मैनेजमेंट रक्षा मंत्रालय करता है।