जमीन बेचकर कर्जा उतारेगा सहारा समूह, कई शहरों में अरबों की जमीन होगी नीलाम

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सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रतो राय लंबे समय तक जेल में रहने के बाद इन दिनों पैरोल पर हैं। उन्हें जमानत पर बाहर रहने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पांच हजार करोड़ रुपए नकद और पांच हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा करवाना है। साथ ही सेबी के आदेश के तहत निवेशकों को 36 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा लौटाने हैं। इस राशि का इंतजाम करने के लिए सहारा ग्रुप सभी शहरों में फैली अपनी संपत्तियों के मूल्यांकन में लगा है।

सहारा समूह को बकाया कर्ज उतारने के लिए अब अपनी जमीन बेचने पड़ेगी। उनकी बरेली की 38 एकड़ की कीमत 3.48 अरब आंकी जा रही है। इस जमीन का प्रशासनिक स्तर से प्लाट का विस्तृत मूल्यांकन कराया जा रहा है। हालांकि ईडी ने भी पिछले साल इस बारे में जानकारी मांगी थी। उसके बाद से इस जमीन की कीमत में चार फीसदी बढ़ोतरी हुई है।

करीब 20 साल पहले शहर से सटे मुड़िया अहमदनगर गांव में सहारा सिटी स्थापित कराने के लिए सहारा समूह ने 130 रजिस्ट्री कराके 38 एकड़ जमीन खरीदी थी। उन दिनों जमीन के रेट बहुत कम थे लेकिन अब यह जमीन कई गुना महंगी हो गई है। उन दिनों सहारा सिटी के लिए शिलान्यास भी हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों से वहां पर सहारा सिटी विकसित नहीं हुई। यह जमीन आज भी खाली पड़ी हुई है।

ग्रुप के इंदौर प्रतिनिधि ने हाल ही में प्रशासन को पत्र लिखकर ग्रुप की इंदौर बायपास पर बिचौली मर्दाना में 33 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन और उस पर स्थित सभी अचल संपत्तियों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट देने का आग्रह किया है। यह जमीन सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और मेसर्स सहारा इंडिया टाउन डेवलपर्स प्रालि और अन्य के नाम पर दर्ज है।

माना जा रहा है कि ग्रुप इस मूल्यांकन रिपोर्ट को बैंक गारंटी के तौर पर कोर्ट में देगा या इस संपत्ति को बेचेगा। प्रशासन ने इस जमीन की गाइडलाइन कीमत निकाली है, जो 15 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर है। इस हिसाब से एक हेक्टेयर जमीन 15 करोड़ और 33 हेक्टेयर जमीन 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की होती है। यह तो केवल जमीन की कीमत है। वहां सड़क, मकान व अन्य निर्माण भी हो चुके हैं। ग्रुप इनका भी मूल्यांकन करवा रहा है। प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी व अन्य संस्थाओं को पत्र लिख मूल्यांकन के लिए कहा है।

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