असम भाजपा के विधायक शिलादित्य देव ने रविवार (12 जुलाई) को उपेक्षा और नेताओं पर गुटबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पार्टी छोड़ देंगे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र होजाई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह अगले साल विधानसभा चुनाव तक बतौर विधायक अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। वह विभिन्न मुद्दों पर आपत्तिजनक बयान देकर बराबर सुर्खियों में रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने कहा कि, ‘‘मैं 30 सालों से भाजपा में हूं। लेकिन आजकल हम जैसे लोगों का कोई महत्व नहीं है। कोई नहीं कह सकता कि मुझे मंत्री बनाये जाने के लिए मैंने कभी लामबंदी की। मैंने 17 सालों तक दिल्ली में काम किया और मंत्रालय में भी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन आज स्थिति पैदा की जा रही है कि हमें (राजनीतिक रूप से) समाप्त कर दिया जाए। ऐसे में बेहतर है कि मैं अपनी प्रतिष्ठा के साथ चला जाऊं। अपने शुभेच्छुओं के साथ विचार-विमर्श के बाद मैं 14 जुलाई से भाजपा से सेवानिवृत्त हो जाऊंगा लेकिन मैं इस्तीफा नहीं दूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि सेवानिवृत्त होने का क्या मतलब है, इसपर उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस या AIUDF जैसी किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे और केवल लोगों के लिए काम करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, “अगर मैं इस्तीफा देता हूं, तो लोग सोच सकते हैं कि मैं कल कांग्रेस या एआईयूडीएफ में जा सकता हूं। इसलिए मैं रिटायरमेंट ले रहा हूं। मैं अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करूंगा। मैं अक्टूबर में अपना रिपोर्ट कार्ड जमा करूंगा। मैं रिटायरमेंट ले रहा हूं। पार्टी, एमएलए पद से नहीं।”
126 सदस्यीय असम विधानसभा में, भाजपा के 60 सदस्य हैं, जबकि उसके सहयोगी एजीपी में 14 विधायक और बीपीएफ 12 विधायक हैं, इसके अलावा गठबंधन को एक निर्दलीय का समर्थन है।