लोकसभा चुनाव: रमजान के दौरान वोटिंग को असदुद्दीन ओवैसी ने बताया बेवजह का विवाद

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चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। इस तारीखों की घोषणा होने के साथ ही एक नया विवाद सामने आया है। मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव के अंतिम तीन चरणों की तारीखों को बदलने के लिए कहा है क्योंकि यह रमज़ान के पवित्र महीने में पड़ा है।

वहीं रमज़ान के दिन मतदान की तारीख को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्‍लाह खान ने भी ट्वीट कर आपत्ति जाहिर की है। रमजान में वोटिंग को लेकर जारी विवाद के बीच एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है।

(IANS File Photo)

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘यह पूरा विवाद ही बेवजह और बेबुनियादी है। मैं राजनीतिक दलों से निवेदन करता हूं कि कृप्या मुस्लिम समुदाय और रमज़ान का नाम अपनी वजहों के लिए इस्तेमाल न करें।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘मुसलमान रमजान के महीने में रोजा करते हैं लेकिन बाहर जाकर आम जीवन जीते हैं, काम करते है और गरीब से गरीब व्यक्ति भी रोजा करता है। इसलिए मुझे लगता है कि इस महीने (रमज़ान) वोटिंग और भी ज्यादा होगी क्योंकि व्यक्ति अपने दैनिक कामों से मुक्त होगा।’

बता दें कि कुछ विपक्षी दलों ने रमजान माह में चुनाव होने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि इससे चुनाव नतीजे प्रभावित होंगे। इसका बड़ा कारण देश की कुल 543 में से 169 लोकसभा सीटों पर रमजान के दौरान मतदान कराना है। रमजान के दौरान मतदान वाले राज्यों के अधिकांश उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सीटें हैं।

बता दें कि मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने 6 मई से 19 मई के बीच होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि 5 मई को मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने रमजान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद दिख जाता है तो 6 मई से रोजे शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान देश में 6 मई, 12 मई व 19 मई को मतदान होगा, जिससे देश के करोड़ों रोजेदारों को परेशानी होगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को देश के मुसलमानों का ख्याल रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करना चाहिए था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह 6, 12 व 19 मई को होने वाले मतदान की तारीख बदलने पर विचार करे।

कोलकाता के मेयर और टीएमसी नेता ने भी उठाए सवाल

कोलकाता के मेयर और टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने आरोप लगाया है कि बीजेपी चाहती है कि अल्पसंख्यक अपना वोट न डालें इसलिए रमजान के दौरान रोजे का ख्याल नहीं रखा गया। फिरहाद हाकिम ने आगे कहा, “चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका सम्मान करते हैं। हम उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहते हैं। लेकिन 7 चरणों में चुनाव बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए मुश्किल होगा। यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा जिनका उस समय रमजान चल रहा होगा।”

उन्होंने आगे कहा, “इन तीन राज्यों में अल्पसंख्यक आबादी काफी ज्यादा है। वह रोजा रखकर वोट डालेंगे। चुनाव आयोग को इस बात को अपने दिमाग में रखना चाहिए। बीजेपी चाहती है कि अल्पसंख्यक अपना वोट न डालें। लेकिन हम इससे चिंतित नहीं हैं। ” उन्होंने आगे कहा कि लोग बीजेपी हटाओ-देश बचाओ का मन बना चुके हैं।

AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने बोले- बीजेपी को होगा फायदा

मुस्लिम धर्मगुरु के अलावा दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के मुस्लिम चेहरे और ओखला विधानसभा सीट से विधायक अमानतुल्ला खान ने भी रमजान के दौरान वोटिंग पर सवाल उठाए हैं। अमानतुल्लाह ने ट्वीट कर लिखा, “12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमज़ान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।”

सुनील अरोड़ा ने घोषणा की कि पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल, दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान 6 मई, छठवें चरण का मतदान 12 मई और सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा। अरोड़ा ने बताया कि 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा।

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