दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अधिकारियों को लेकर एलजी व केजरीवाल सरकार के बीच शुरू हुआ टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर लगातार चार दिनों (11 जून शाम से) से धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल का साथ निभाने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय लगातार उनके साथ धरने पर बने हुए है।
अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने पर धरने में शामिल स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में बुधवार (13 जून) से बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी है। एक ओर केजरीवाल, सिसोदिया दो मंत्रियों समेत एलजी हाउस में धरने पर हैं। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम सीएम हाउस से एलजी हाउस तक मार्च निकालकर नाराजगी जताई।
इस बीच केजरीवाल सरकार के धरने का जवाब धरने से देने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी मैदान में उतर आई है। खास बात ये है कि उन्हें आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा का भी समर्थन मिल रहा है। बीजेपी के विधायक और आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा का धरना सीएम दफ्तर के वेटिंग रूम में जारी है। बीजेपी नेताओं ने सीएम से अपील की कि वे अपना धरना तोड़कर सचिवालय आएं ताकि पानी संकट से बचाने के लिए कोई पहल की जा सके।
ममता बनर्जी और यशवंत सिन्हा का मिला समर्थन
केजरीवाल के समर्थन करने पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मौजूदा केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मैं एलजी के पास गया था। लेकिन पुलिस ने अंदर जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की देश की राजधानी है यहां जो घटनाक्रम हो रहा है उससे मैं चिंतित हूं। दिल्ली में जो होता है उसपर दुनियाभर की निगाह होती है। मगर केंद्र सरकार अपने कान में नौ मन तेल डालकर बैठी है। क्या उसे यह सब नहीं दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि एलजी को बाबू है। उसे केंद्र से जो निर्देश मिलेगा वहीं काम करेगा।
बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। ममता बनर्जी अपनी मांगों के पक्ष में दबाव बनाने के लिए दिल्ली के उप राज्यपाल के कार्यालय में धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में सामने आ गई हैं। सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से उप राज्यपाल के कार्यालय में बैठे हैं। निर्वाचित मुख्यमंत्री को अवश्य ही उचित सम्मान मिलना चाहिए।’’
. @ArvindKejriwal, CM of Delhi is sitting in a dharna in LG’s office for the last few days in the capital city of the country. Elected CM must get due respect. May I appeal to the Govt of India and @LtGovDelhi to resolve the problem immediately so that people do not suffer
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 13, 2018
ममता ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं भारत सरकार एवं दिल्ली के उप राज्यपाल से समस्या का तत्काल समाधान करने की अपील करती हूं ताकि लोगों को परेशानी न हो।’’
केजरीवाल ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने पीएम मोदी से कहा है कि उपराज्यपाल हमारी बात नहीं सुन रहे हैं, मैं आपसे अपील करता हूं कि आप इस मामले में दखल दें और पिछले तीन महीने से जो IAS अधिकारियों की हड़ताल जारी है उसे खत्म कराएं।
केजरीवाल ने लिखा है कि इन अफसरों का ट्रांसफर करना या इनपर कार्रवाई करना सब केंद्र सरकार और एलजी के हाथ में है। इसलिए हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
क्या है केजरीवालु सरकार की मांग और पूरा मामला?
केजरीवाल सरकार ने आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और ‘‘चार महीनों’’ से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित तीन मांगें की है। पहली यह कि दिल्ली सरकार में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराई जाए। दूसरी, काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और तीसरी मांग है कि राशन की दरवाजे पर आपूर्ति की योजना को मंजूर किया जाए।केजरीवाल का आरोप है कि एलजी इस मामले में ढीला-ढाला रवैया अपना रहे हैं।
केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दो अन्य मंत्री गोपाल राय तथा सत्येंद्र जैन ने सोमवार (11 जून) शाम साढ़े पांच बजे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और तब से वे उपराज्यपाल कार्यालय में बैठे हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल के दफ्तर में रात गुजारी हों। केजरीवाल सरकार के अनुसार, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित मारपीट के बाद से आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं और वे आप मंत्रियों के साथ बैठकों का बहिष्कार कर रहे हैं जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है।
बहरहाल, अधिकारियों के एक संगठन ने कहा कि कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है और किसी भी काम पर असर नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर केजरीवाल के आवास पर फरवरी में हुए कथित हमले के बाद से आप सरकार और नौकरशाही के बीच तकरार चल रही है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई कथित मारपीट के बाद आईएएस अधिकारी पिछले करीब चार माह से कथित तौर पर हड़ताल पर हैं।
केजरीवाल सरकार की ये हैं तीन मुख्य मांगे
1- दिल्ली सरकार में कार्यरत आईएएस अधिकारी कथित हड़ताल खत्म करें
2- काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो
3- राशन की ‘डोर स्टेप डिलिवरी ऑफ राशन’ योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए