कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद गुजरात चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहले चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले शुक्रवार (8 दिसंबर) को घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संकल्प पत्र में विकास को एजेंडा बनाया है। जेटली ने कहा कि आचार संहिता को ध्यान में रखकर संकल्प पत्र बनाया गया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो दो वादे किए हैं वे संवैधानिक दृष्टि से असंभव हैं। पहला 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण। कुछ वादे आर्थिक दृष्टि से असंभव हैं। जेटली ने कहा कि गुजरात में सामाजिक ध्रुवीकरण करना, राज्य का नुकसान करने वाला रास्ता है। अगर इस रास्ते पर कांग्रेस चलती है तो गुजरात का और नुकसान करेगी जैसा 1980 के दशक में किया था। जेटली ने कहा कि गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां पिछले पांच साल से विकास की दर लगातार 10 प्रतिशत बनी हुई है।
दरअसल गुरुवार (7 दिसंबर) को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया, ”बीजेपी ने गुजरात की जनता का अविश्वसनीय रूप से तिरस्कार किया है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान खत्म हो चुका है, लेकिन बीजेपी की ओर से अभी तक सूबे की जनता के लिए कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया है। गुजरात के भविष्य के लिए बीजेपी ने न तो कोई विजन पेश किया है और न ही किसी तरह का आइडिया।”
The BJP has shown unbelievable disrespect towards the people of Gujarat. Campaign is over and STILL no mention of a manifesto for the people, no vision and no ideas presented for Gujarat’s future. #BJPDisrespectsGujarat
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 7, 2017
बता दें कि इससे पहले गुजरात चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में ‘खुश रहे गुजरात, खुशहाल गुजरात’ का नारा भी दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई लोक-लुभावन वादे किए गए हैं। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में गुजरात के किसानों के कर्ज माफ करने, आधी कीमत में बिजली देने, 20 लाख युवाओं को रोजगार देंगे, पेट्रोल की कीमत 10 रुपये लीटर सस्ता करने, उच्च शिक्षा पाने वाले छात्रों को स्मार्टफोन और लैपटॉप देने के वादे किए हैं।
आपको बता दें कि मैनिफेस्टो या घोषणा पत्र में पार्टी उन वादों को ऐलान करती है जिन्हें सरकार बनने के बाद वह अगले पांच सालों में पूरा करेगी। गौरतलब है कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग होनी है, जबकि 18 को नतीजे आएंगे।