नोटबंदी के मसले पर संसद में हंगामा जारी है। चर्चा शुरु होते ही अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह के बोलने पर आपत्ति जताई संसद में हंगामा हो गया।
मनमोहन सिंह राज्यसभा में बोलने के लिए खड़े हुए जेटली ने कहा कि वो बोल सकते है, लेकिन डिबेट शुरू हो ये नहीं हो सकता कि सिर्फ आप बोले और किसी को न बोलने दें।
जेटली ने राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बोलने के लिए अनुमति देने पर आपत्ति जताई।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने अरुण जेटली की इस प्रतिक्रिया पर गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा पूर्व प्रधानमंत्री को बात करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ”मोदी सरकार ने यह नोटबंदी ब्लैकमनी के लिए नहीं बल्कि यूपी के इलेक्शन को ध्यान में रखकर की गई है। आम चुनाव में आपने कहा था कि विदेश से ब्लैकमनी लाएंगे। उसके बारे में बताएंगे?”
मनमोहन सिंह ने कहा, ” पीएम ने ब्लैकमनी, आतंकवाद और फेक मनी रोकने के लिए यह कदम उठाया है। मैं इससे सहमत हूं। इससे लोगों को परेशानी हुई है।
मनमोहन सिंह ने कहा- हम नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार ने इसे लागू करने में बदइंतजामी की नोटबंदी के बाद से देश की GDP में 2 फीसदी की गिरावट आई है।
अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों की परेशानियों का समाधान निकालना जरूरी है।
इस नोटबंदी के असर को देखने के लिए हमें 50 दिन चाहिए। लेकिन अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। मैं पीएम से जानना चाहता हूं कि दुनिया में ऐसा कहीं होता है कि लोग अपना पैसा बैंक से नहीं निकाल पाएं।
उन्हें अपना ही पैसा निकालने से रोका जाए। इस डिसीजन से सभी सेक्टर के लोगों पर असर पड़ा है। स्माल स्केल इंडस्ट्रीज पर इस डिसीजन का बुरा असर हुआ है।
इस नोटबंदी की प्रोसेस को बुरी तरह से हैंडल किया है। आरबीआई, पीएमओ इसे लागू करने में बुरी तरह फेल रहे हैं। इन सभी पांबदियों से सभी लोग प्रभावित हुए हैं। यह लीगलाईज ब्लंडर है।”
मायावती ने संसद परिसर में कहा- नोटबंदी पर पीएम का सर्वे फेक और स्पॉन्सर्ड है। बता दें कि मोदी ने अपने ऐप पर सर्वे कराया था, जिसमें 90% लोगों के सपोर्ट में होने की बात की गई थी।
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