अर्नब गोस्वामी और कंगना रनौत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, महाराष्ट्र सदनों में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव हुए स्वीकार; BJP ने रिपब्लिक टीवी के संस्थापक के खिलाफ प्रस्ताव का किया विरोध

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विवादास्पद और सांप्रदायिक उकसाने वाले बयान को लेकर अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी को पुलिस शिकायतों में बॉम्बे हाई कोर्ट से भले ही राहत मिली गई है, लेकिन फिर भी उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अर्नब गोस्वामी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का अपमान करने का आरोप है। वहीं, मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दोनों अब महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का सामना कर रहे हैं।

अर्नब गोस्वामी

विधानसभा में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने उन पर “अपमानजनक भाषा” का इस्तेमाल करने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ आधारहीन टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने लगाया कि गोस्वामी अक्सर टीवी बहस के दौरान मंत्रियों, लोकसभा और विधानसभा सदस्यों का अपमान करते रहे हैं और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कई लोगों के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं। एनसीपी नेता छगन भुजबल और अबू आजमी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

भुजपबल ने कहा देश में सभी को बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन इसके कुछ नियम कायदे हैं। वहीं संसदीय मामलों के मंत्री ने प्रस्ताव स्वीकार करने के पीछ दलील दी कि पीएम मोदी पर टिप्पणी करने पर भाजपा आक्रामक हो जाती है तो फिर मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए।

अर्नब गोस्वामी के खिलाफ शिवसेना की मनीषा कायंदे ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। दूसरी तरफ कंगना के खिलाफ कांग्रेस विधायक अशोक (भाई) जगताप ने मुंबई को लेकर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया, जिसे रामराजे नाइक ने स्वीकार किया।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति रामराजे नाइक निंबालकर ने दोनों गतियों को स्वीकार करते हुए कहा, ‘मैंने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। इसके लिए समिति न होने की वजह से मैं ही आज इस प्रस्ताव पर फैसला करने जा रहा हूं।’

भाजपा गोस्वामी के बचाव में आई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पसंदीदा टीवी एंकर के खिलाफ प्रस्ताव का विरोध किया। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंगलवार चल रहे सत्र का आखिरी दिन था, सदन में कोरोना महामारी और अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन पर मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दो-मुखी दृष्टिकोण अपनाने का भी आरोप लगाया और यह भी आरोप लगाया कि सरकार मीडिया में असंतोष की आवाज़ों का मज़ाक उड़ा रही है।

गौरतलब है कि, बीते दिनों कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी। कंगना ने ट्विटर पर लिखा था, ‘संजय राउत ने मुझे खुलेआम धमकी दी है और मुंबई नहीं आने को कहा है। मुंबई की गलियों में आजादी के भित्ति चित्र और अब खुली धमकी, मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जैसी फ़ीलिंग क्यों दे रहा है?’

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