आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में आरोपी अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी गुरुवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की एक अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए जिसके बाद अभियोजन पक्ष ने उनके खिलाफ वारंट जारी करने का अनुरोध किया।
बता दें कि, अलीबाग पुलिस ने नवंबर 2020 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की कथित आत्महत्या से संबंधित मामले में अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को गिरफ्तार किया था। रिपब्लिक टीवी के संस्थापक को नवी मुंबई की जेल में एक सप्ताह बिताना पड़ा था। उन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी।
गुरुवार को जब मामला अलीबाग सत्र अदालत के समक्ष आया तो गोस्वामी के वकील ने पेशी से छूट मांगी। अदालत ने दिन के लिए छूट प्रदान कर दी। दो अन्य आरोपी फिरोज शेख और नीतीश सारदा भी पेश नहीं हुए। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि आरोपियों को पहचान के लिए पेश होना चाहिए था क्योंकि अदालत द्वारा आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद यह पहली सुनवाई थी।
इस दौरान उन्होंने गोस्वामी और दो अन्य के खिलाफ वारंट जारी करने का भी अनुरोध किया। अदालत ने घरात की अर्जी को लंबित रखते हुए कहा कि चूंकि कोरोना वायरस के चलते पाबंदियां 31 जनवरी तक लागू हैं, इसलिए ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।
अभियोजक ने कहा कि उस तिथि को आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने की आवश्यकता होगी। पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को सात जनवरी को पेश होने को कहा था। तीनों के खिलाफ भादंसं की धारा 306 और 109 के तहत मामला चल रहा है।
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि नाइक ने अपनी मां की हत्या कर दी थी और मई 2018 में अपने अलीबाग स्थित घर में खुद को फांसी लगा ली थी क्योंकि तीनों आरोपियों की फर्मों द्वारा बकाये का भुगतान नहीं किए जाने के कारण वह तनाव में थे।
वहीं, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने वह मामला फिर से खोला है जो 2019 में बंद कर दिया गया था क्योंकि राज्य सरकार उन्हें परेशान करना चाहती है। (इंपुट: भाषा के साथ)