भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) शासित राज्य झारखंड के चतरा में कथित-तौर भूख के कारण एक और महिला की मौत का मामला सामने आया है। मृतक महिला की पहचान मीना के रूप में हुई है और वह कचरा बीनने का काम करती थी और उसी के सहारे अपना पेट पालती थी। मीना मूल रूप से बिहार की गया की रहने वाली थीं, लेकिन काफी समय से चतरा में ही रहती थीं।
ख़बरों के मुताबिक, तीन दिनों के अंदर झारखंड में भूख से यह दूसरी मौत है। इससे पहले शनिवार को गिरिडीह में भी एक महिला की भूख से मौत हो गई थी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वह पिछले कई दिनों से बीमार थी। मृतका के परिजनों के अनुसार बीमार होने के कारण महिला पिछले दस दिनों से कुछ खा नहीं रही थी जिसके चलते उसे भूख जनित बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया था और उसकी मौत हो गई। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मीणा का पुत्र उसका उपचार कराने इटखोरी स्वास्थ्य उपकेंद्र ईटखोरी पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी मां को जीवित समझकर उसका उपचार कराने अस्पताल पहुंचे मीणा के पुत्र को देखकर अस्पताल प्रबंधन की भी संवेदना नहीं जागी। अपनी मां के शव को कंधे पर लेकर उसका पुत्र अस्पताल के एक कमरे से दूसरे कमरे तक भटकता रहा, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की।
जब मीडियाकर्मियों की भीड़ अस्पताल में उमड़ी तो मौके पर मौजूद चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी हरकत में आए और आनन-फानन में मृत महिला के शव को उसके बेटे के कंधे से उतार कर अस्पताल के बेड पर लिटाया। इससे पूर्व ना तो उसे किसी तरह का स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया गया और ना ही उसकी बीमार मां की स्वास्थ्य जांच की गई।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, महिला के परिवार वालों का आरोप है कि, भुखमरी के कारण उनकी मृत्यु हो गई, क्योंकि उनके पास खाना खरीदने के लिए पैसा नहीं था। वहीं, स्थानिय अधिकारी का कहना है कि, “महिला को मृत लाया गया था, वह अतीत में टीबी से पीड़ित थी, शव को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेज दिया गया है जिसके बाद ही मृत्यु के सही कारणों का पता चल पाएंगा।
Jharkhand: Family of woman alleges she died due to starvation in Chatra's Itkhori,as they did not have money to buy food. Circle Officer Itkhori says,"woman was brought dead,she suffered with TB in the past, body has been sent for post-mortem that will reveal the cause of death." pic.twitter.com/j3724xztEV
— ANI (@ANI) June 5, 2018
एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में भूख से मौत का एक मामला दो दिन पहले भी सामने आया था। झारखंड के गिरीडीह जिले में भी 62 साल की सावित्री देवी की मौत हो गई थी। परिवार का दावा है कि परिवार में आर्थिक तंगी है, जिसकी वजह से बीते कई दिनों से घर में चूल्हा तक नहीं जला, जिसकी वजह से सावित्री देवी की जान चली गई।
बता दें कि, यह कोई पहली बार नहीं है कि झारखंड में भूख से किसी की मौत हुई हो, इससे पहले भी राज्य में भूख से कई मौतें हो चुकी है।
झारखंड में भूख कई मौतें:
1 दिसंबर को महिला की मौत
बता दें कि इससे पहले झारखंड के कोरता गांव में 1 दिसंबर को कथित तौर पर भूख से एक महिला की मौत हो गई थी।मृतक महिला के बेटे उत्तम ने कहा था कि, घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, पिछले एक महीने से घर में कुछ भी नहीं बना है। मम्मी (प्रेमनी कुंवर) कमजोर हो गई थीं। मैं 29 नवम्बर को राशन लेने गया था। उन्होंने कहा कि आज अंगूठा लगा दो, राशन के लिए 2 दिसंबर को आना लेकिन, 1 दिसंबर को मम्मी मर गई।
62 साल के रूपलाल मरांडी की मौत
बता दें कि इससे पहले झारखंड में भूख से मौत के तीन मामले सामने आ चुके हैं। झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत भगवानपुर गांव में 62 साल के रूपलाल मरांडी की सोमवार को कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी।
रिक्शा चालक की मौत
बता दें कि, इससे पहले शनिवार (21 अक्टूबर) को धनबाद के झरिया में 40 वर्षीय रिक्शा चालक की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में परिजनों ने बताया था कि उसकी मौत भूख और गरीबी से हुई है, ये भी आरोप है कि बेहद गरीब होने के बावजूद भी उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
11 साल की बच्ची की मौत
बता दें कि सिमडेगा जिले में जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में कोयली देवी नाम की महिला की 11 साल की बेटी संतोषी की बीते 28 सितंबर को कथित तौर पर भूख के कारण मौत हो गई थी। संतोषी की मां कोयली देवी ने एक बयान में कहा था कि आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से गांव के डीलर ने उन्हें फरवरी से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहम मिलने वाला राशन देना बंद कर दिया था।