अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले कर्नाटक के सिरसी से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद व केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए है। केन्द्रीय मंत्री ने रविवार को कर्नाटक के कोडागु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई हिंदू लड़की का हाथ छूता है तो उसके हाथ बचने नहीं चाहिए। बता दें कि अनंत कुमार हेगड़े वही बीजेपी के मंत्री हैं जिन्होंने पिछले साल संविधान बदलने जैसा विवावित बयान दिया था।

केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने रैली में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, जो हिंदू लड़कियों को छुए, उसके हाथ नहीं बचने चाहिए। इतिहास इसी तरह लिखा जाता है और जब आप इतिहास लिखते हैं, तो आपके अंदर हिम्मत आती है। आप इतिहास पढ़ते हैं तो आपके अंदर डरने वाली भावनाएं आती हैं। अब यह आप लोगों को तय करना है कि आप इतिहास लिखना चाहते हैं या फिर इतिहास पढ़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम लोगों की ही जिम्मेदारी है कि हम समाज की प्राथमिकताओं के बारे में फिर से सोचें। हमें जाति के बारे में नहीं सोचना चाहिए, बल्कि हम लोगों के आसपास जो कुछ हो रहा है उसपर हमारी नजरें होनीं चाहिए।
#WATCH: Union Minister Ananth Kumar Hegde in Kodagu, "We have to rethink about priorities of our society. We shouldn’t think of caste. If a Hindu girl is touched by a hand, then that hand should not exist." #Karnataka pic.twitter.com/4uVNnIrNeu
— ANI (@ANI) January 27, 2019
हेगड़े ने इसके साथ ही ताजमहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, ताजमहल मुस्लिमों ने नहीं बनाया था, इतिहास इसका गवाह है कि इसका निर्माण मुस्लिमों ने नहीं करवाया था। शाहजहां ने अपनी जीवनी में कहा है कि उन्होंने यह जमीन राजा जयसिम्हा से खरीदी थी। एक शिव मंदिर है, जिसे राजा परमतीर्थ ने बनवाया था, जिसका नाम तेजो महालया था। तेजो महालया का नाम बदलकर ताजमहल कर दिया गया। अगर हम सोते रहे तो हमारे ज्यादात्तर घरों के नाम मंजिल हो जाएंगे। भविष्य में भगवान राम को जहांपनाह और सीता को बीबी के नाम से बुलाया जाएगा।
बता दें कि अनंत कुमार हेगड़े इससे पहले भी विवादित बयान देकर चर्चा में रह चुके हैं। पिछले साल उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि बीजेपी ‘संविधान बदलने के लिए’ सत्ता में आई है। हालांकि, अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान में संशोधन के अपने विवादित बयान पर लोकसभा के अंदर माफी भी मांगी थी और कहा था कि उनके बयान को ‘तोड़-मरोड़कर’ पेश किया गया।