केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख आलोक वर्मा को उनके पद हटाए जाने के बाद से ही सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। आलोक वर्मा को हटाए जाने पर सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर कांग्रेस हमलावर है। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है। सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने डीजी फायर सर्विसेज का पद संभालने से इनकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया है। डायरेक्टर पद से हटाए जाने और तबादला किए जाने के एक दिन बाद आलोक वर्मा ने सरकार को इस्तीफा भेज दिया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा एक अभूतपूर्व कदम के तहत आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से गुरुवार (10 जनवरी) को हटा दिया गया। उनको हटाने का फैसला तीन सदस्यीय एक उच्चस्तरीय चयन समिति द्वारा 2-1 के बहुमत से लिया गया। उनके रिटायरमेंट से 21 दिन पहले उन्हें ट्रांसफर कर फायर सेफ्टी विभाग का डीजी बनाया गया था।
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने चार्ज लेने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इससे पहले खबर आई थी कि वर्मा ने नई जिम्मेदारी संभालने से इनकार कर दिया है। ANI के मुताबिक वर्मा ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘प्राकृतिक न्याय तबाह हो गया और पूरी प्रक्रिया सिर्फ इसलिए उलट दी गई कि मुझे डायरेक्टर पद से हटाना है।’
इस बीच न्यूज 18 के मुताबिक, वर्मा ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। चैनल के मुताबिक इससे पहले उन्होंने फायर एंड सेफ्टी के डीजी के तौर पर नई जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। उन्हें एक दिन पहले ही सीबीआई प्रमुख के पद से हटाया गया था और उनका ट्रांसफर फायर एंड सेफ्टी के डीजी के तौर पर किया गया था। बता दें कि वर्मा 31 जनवरी को ही रिटायर होने वाले थे।
#BREAKING | After being removed as CBI chief, and refusing to take charge of the new role as DG, Fire Services, Alok Verma resigns. | #AlokVermaQuits pic.twitter.com/BrydvwsjVA
— News18 (@CNNnews18) January 11, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के महज दो दिन बाद पद से हटाए जाने पर आलोक वर्मा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने दावा किया है कि उनका तबादला उनके विरोध में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से लगाए गए झूठे, निराधार और फर्जी आरोपों के आधार पर किया गया है। वर्मा ने गुरुवार देर रात पीटीआई को जारी एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार के हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करने वाली महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते सीबीआई की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित रखना चाहिए।
Former CBI Chief Alok Verma refuses to take charge as DG, Fire Services. A statement says "natural justice was scuttled and the entire process was turned upside down in ensuring that the undersigned is removed from the post of the Director." pic.twitter.com/cgStJpOR0V
— ANI (@ANI) January 11, 2019
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने भ्रष्टाचार और कर्त्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में गुरुवार को वर्मा को पद से हटा दिया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी को गृह मंत्रालय के तहत अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया है। जबकि सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है।