उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तेज होती आहट से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस तरीके से एक के बाद एक परियोजनाओं और विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास की झडी लगा दी है, उससे वे खासी हडबडी में दिखते हैं।
भाजपा और बसपा समेत प्रतिपक्षी दल भले ही इन परियोजनाओं को आधा-अधूरा करार दे रहे हैं। प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने का दम भर रहे 43 वर्षीय अखिलेश रूकने और इंतजार करने के मूड में नहीं लगते।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार (20 दिसंबर) को कुल छह घंटे में 5,500 प्रोजेक्ट्स का शीलान्यास कर दिया। जो कि राज्य की 13 अलग-अलग जगहों पर हुआ। उन्होंने दिन की शुरुआत फैजाबाद जिले से की। वहां उन्होंने राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल और एक प्राथमिक हेल्थ सेंटर को शुरू किया।
मुख्यमंत्री बीते लगभग एक महीने से एक के बाद एक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे हैं और आज का दिन उससे अलग नहीं रहा।

भाषा की खबर के अनुसार, अखिलेश ने दिन की शुरूआत अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक समारोह मैं कई अस्पतालों आवासीय परियोजनाओं, हाकी स्टेडियम, तरणताल, सडकों और कई जिलों में अवस्थापना विकास आदि का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने यह सिलसिला 21 नवम्बर को ही आगरा-लखनउ एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के साथ ही शुरू कर दिया था।
हालांकि, आगरा-लखनउ एक्सप्रेस वे जनता के लिए खोल दिया जाये इसमें काफी काम अब भी बचा हुआ है। मगर 21 नवम्बर को इसके तीन किलोमीटर खंड को लडाकू जहाजों के छूकर उड़ जाने के साथ ही इसका लोकार्पण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश की अतिमहत्वाकांक्षी और बहुप्रचारित लखनउ मेट्रो परियोजना के पूरा होने में अब भी महीनों लग सकते हैं। सरकार ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर तोहफा देते हुए इस महीने के शुरू में ही इसके शुभारंभ कर दिया।
प्रदेश की राजनीति में मुख्य प्रतिद्वंदी मानी जाने वाली बसपा मुखिया मायावती ने उपहास उडाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश आधी अधूरी परियोजनाओं के लोकार्पण से जनता को लुभाना चाहते हैं। लगता है कि बहुत जल्दी में हैं।