जयपुर की विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार को अजमेर शरीफ दरगाह विस्फोट मामले में दो दोषियों देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और स्वामी असीमानंद समेत पांच लोगों को क्लीन चिट देते हुए बरी कर दिया था।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कोर्ट ने देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को आईपीसी की धारा 120 बी, 195 और धारा 295 के अलावा विस्फोटक सामग्री कानून की धारा 34 और गैर कानूनी गतिविधियों का दोषी पाया है। स्पेशल एनआईए कोर्ट ने भावेश पटेल पर 10000 रुपए और देवेंद्र गुप्ता पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
यह ब्लास्ट अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर हुआ था। यह हमला 11 अक्टूबर 2007 को हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। वहीं 17 लोग जख्मी हुए थे। मामले के कुल 13 आरोपियों में से तीन अभी भी फरार चल रहे हैं।