अजमेर बम धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने सोमवार(3 मार्च) को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए साध्वी प्रज्ञा, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार समेत चार लोगों को क्लीन चिट दे दी। 2007 में हुए धमाकों के केस में एजेंसी ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके हैं।
इसी मामले में स्पेशल अदालत ने 22 मार्च को भावेश पटेल (39) और देवेंद्र गुप्ता (41) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।एनआईए ने स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा, राजेंद्र और रमेश उर्फ प्रिंस के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
विशेष जन अभियोजन अश्विनी शर्मा ने पत्रकारों से बताया कि एनआईए की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने को लेकर अदालत 17 अप्रैल को फैसला लेगी। जस्टिस दिनेश कुमार गुप्ता की विशेष एनआईए अदालत ने तीन आरोपियों सुरेश नायर, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे को गिरफ्तार करने में एजेंसी की असफलता को लेकर इस मामले में जांच की गति धीमी होने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।
गौरतलब है कि अजमेर बलास्ट मामले में जयपुर की एनआईए कोर्ट ने आठ मार्च को तीन लोगों सुनील जोशी, देवेंद्र और भवेश पटेल को दोषी करार दिया था। इसमें से सुनील जोशी की मौत हो गई है, जबकि देवेंद्र और भवेश पटेल को उम्रकैद की सजा हुई है। बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार का नाम इस मामले में उछलने पर राजनीति गर्मा गई थी।