कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि मामला दर्ज करने का फैसला किया है।
जनता का रिपोर्टर से बात करते हुए अहमद पटेल के करीबी सुत्रों ने बताया है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव विजय रुपानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि मामले दर्ज करने पर सलाह लेने के लिए अपने वकीलों से बातचीत कर रहे है।
साथ ही उन्होंने कहा कि, चुनाव हारने की अपनी हताशा में रूपानी ने अपनी पार्टी की पुरानी गंदे चालें का सहारा लिया है। क्योंकि, उनके पास नकली गुजरात मॉडल कहानी से संबंधित सवालों पर कोई जवाब नहीं है। अहमद पटेल अपने वकीलों से बात कर रहे है। चूंकी सप्ताह के अंत में अदालत बंद रहता है, इसलिए हम अगले सप्ताह में मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे।
बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही अहमद पटेल ने गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतकर बीजेपी के बेताब कोशिशों को विफल कर दिया था। राज्यसभा चुनाव में उनकी जीत के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ता विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपने अभियान के साथ बीजेपी पर आक्रामक हो गए है। वहीं दूसरी ओर गुजरात में दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर भी खासी हलचल है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा आक्रामक अभियान की वजह से बैकफुट पर पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, भरुच के जिस अस्पताल से बुधवार को अरेस्ट किए गए ISIS के संदिग्ध आतंकी जुड़े हैं, अहमद पटेल उस अस्पताल के ट्रस्टी रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मांग की है कि वो अहमद पटेल से इस्तीफा लें।
हालंकि, जनता का रिपोर्टर ने तथ्यों की पड़ताल करते हुए कुछ पत्र हासिल किए है जिससे पता चलता है कि कांग्रेस राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने सितंबर 2013 में उस अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था। इसका प्रभावी रूप से मतलब है कि पटेल का चार साल से अस्पताल प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है।
वहीं अस्पताल ने रूपानी के दावों को एक विस्तृत बयान के जरिए खारिज कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि अहमद पटेल और उनके परिवार का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।