उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने एक कार्यकर्ता दीपक कबीर को गिरफ्तार किया है। कार्यकर्ता की पत्नी ने दीपक कबीर पर लगे सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ वह अदालत जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि, लखनऊ हिंसा मामले में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे जो हिंसा भड़काने में शामिल थे। दीपक कबीर निर्दोष हैं।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, लखनऊ में कार्यकर्ता दीपक कबीर को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कार्यकर्ता की पत्नी का कहना है कि, “हम न्याय के लिए अदालत जाएंगे। हिंसा में शामिल पाए गए लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मेरे पति के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।”
Lucknow:An activist Dipak Kabir arrested allegedly for involvement in violent protests against #CitizenshipAct on 19 Dec. Wife of activist says,“We'll go to court for justice.Only those found involved in violence should be arrested.All charges framed against my husband are false” pic.twitter.com/6eTPnM2PqH
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
रामपुर हिंसा मामले में पुलिस ने 28 लोगों को भेजा नोटिस
वहीं रामपुर के डीएम औंजनेय सिंह ने कहा कि, “जो लोग 21 दिसंबर को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे, उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से की गई है। उनके नाम पुलिस को भेज दिए गए हैं। नुकसान का आकलन किया गया है। 28 चिन्हित अभियुक्तों को नोटिस जारी किया गया है। आगे की कार्रवाई जल्द होगी।”
Rampur DM Aunjaneya Singh: Those who were involved in destruction of public property on Dec 21 have been identified through CCTV footage & their names sent to police. Assessment of damage has been done & notice issued to 28 identified accused. Further action will be taken. #CAA pic.twitter.com/Yd8F8AB83V
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ बीते दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। यूपी में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में उत्तर प्रदेश में करीब 15 लोगों की मौत हो गई है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखने को मिले हैं।