जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की तलाश के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए दिल्ली पुलिस ने नजीब के रूममेट काजिम का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया था। इसी मामले में पुलिस को उन एबीवीपी छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करना था जिनका गायब होने से पहले नजीब का झगड़ा हुआ था।
पुलिस को उम्मीद है कि एबीवीपी छात्रों के लाई डिटेक्टर टेस्ट से कई बातों का खुलासा हो जाएगा। इस केस में पुलिस की कोशिश लगातार ये बनी रही कि कम से कम छह लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए। गत् दिवस क्राइम ब्रांच की एक टीम मंगलवार को यूनिवर्सिटी पहुंची और लगभग 600 पुलिस कर्मी पूरे कैंपस में नजीब की तलाश कर रहे लेकिन नजीब का कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस की जांच से लग रहा था कि पुलिस अपनी पूरी तैयारी के साथ आई है। लेकिन दो दिन बाद ही तस्वीर बदली हुई नज़र आ रही है। जेएनयू की पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष शेहला रशीद का आरोप है कि एबीवीपी छात्रों ने लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने से मना कर दिया है। और पुलिस भी उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट करने में असमर्थता जता रही है।
शैला ने जनता का रिर्पाेटर से बात करते हुए बताया कि नजीब को गायब हुए आज 67 दिन हो चुके है लेकिन पुलिस अभी तक कुछ पता नहीं कर पाई है। जबकि नजीब के रूममेट काजिम के लाई डिटेक्टर टेस्ट के बाद एबीवीपी छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए था जिससे उन्होंने इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लड़के जिन्होंने नजीब को धमकी दी और पीटा। अब लाई डिटेक्टर टेस्ट को कराने से मना कर दिया है।
आपको बता दे कि जेएनयू के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर से लापता है। उसके लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था। कहा गया कि नजीब अहमद का कुछ एबीवीपी समर्थकों के साथ झड़प हुई थी। उस समय उसकी हत्या का प्रयास किया गया था। तब से उसे ढूंढने का प्रयास जारी है।