दिल्ली सरकार द्वारा विज्ञापनों पर कथित रूप से खर्च किए गए 97 करोड़ रूपये की वसूली पार्टी से करने संबंधी उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी(AAP) गुरुवार(4 मई) को दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंच गई।
पार्टी ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार विभाग की ओर से 30 मार्च को जारी मांग संबंधी नोटिस को खारिज कर दे। जिसमें डीआईपी ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के रकम वसूल करने संबंधी आदेश के आधार पर नोटिस भेजा है।
बता दें कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को आम आदमी पार्टी से विज्ञापन मद में खर्च 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को यह पैसा 30 दिन के अंदर वसूलने का आदेश दिया है।
पार्टी ने केंद्र की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को भी खारिज करने की मांग की है। इस रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी के पक्ष में विज्ञापनों पर करदाताओं की पैसा खर्च किया है।
सरकारी विज्ञापनों में सामग्री नियमन से संबंधित मामलों को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पूर्व निर्वाचन आयुक्त बीबी टंडन की अध्यक्षता में इस तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस मामले में कांग्रेस के नेता अजय माकन ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ सरकार ने दिल्ली के करदाताओं की एक बड़ी रकम विज्ञापन में लगा दी है।
इसके बाद तीन सदस्ययी समिति ने सिफारिश की थी कि ‘आप’ सरकार को सुप्रीम कोर्ट के 13 मई 2015 के आदेशों का पालन करते हुए रकम वापस करनी होगी। एक सूचना का अधिकार(आरटीआई) का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा था कि ‘केजरीवाल इस पैसे का उपयोग दिल्ली के लोगों के फायदे के लिए कर सकते थे, मगर उन्होंने ऐसा किया ही नहीं।’