दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक देवेंद्र कुमार सेहरावत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। सेहरावत ने सोमवार (6 मई) को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। सेहरावत के बीजेपी में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी (आप) की नेता व चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा कि आज पार्टी में मुझे मेरी वफादारी की सजा मिल रहीं है।
दरअसल, देवेंद्र कुमार सेहरावत के बाजेपी में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी से खफा चल रही विधायक अलका लांबा ने ट्वीट कर लिखा, “AAP से 2 बार विधायक का चुनाव लड़े, एक बार सांसद का चुनाव लड़े, पंजाब-गोवा चुनावों में पार्टी का विरोध किया। दिल्ली नगर नगम में पार्टी उम्मीदवार को हराया। फिर भी आज तक पार्टी में सम्मान-स्थान पाते रहे, किसी ने इस्तीफ़ा नही मांगा, आज बीजेपी में चले गए।” अलका ने आगे अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे मिल रही है, मेरी वफादारी की सजा।”
अलका लांबा के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, “आपको कांग्रेस, बीजेपी और AAP तीनों से साइड कर दिया।” यूजर को जवावब देते हुए लांबा ने लिखा, “अगर मैं कहूं की मैंने ही सबको साइड पर रख कर जनता की प्रतिनिधि होना और उनके लिये समर्पित होकर काम करने को प्राथमिकता दी है, तो आप फिर कुछ और कहने लगेंगे। आप मेरी चिंता ना करें, बड़े आये और चले गए, 25 सालों से जन सेवा में हूं,आगे भी रहूँगी। किसी मंच, नेतृत्व, झंडे की मोहताज़ नही।”
अगर मैं कहूँ की मैंने ही सबको साइड पर रख कर #जनता की प्रतिनिधि होना और उनके लिये समर्पित होकर काम करने को प्राथमिकता दी है,तो आप फिर कुछ और कहने लगेंगे.
आप मेरी चिंता ना करें,
बड़े आये और चले गए, 25सालों से जन सेवा में हूँ,आगे भी रहूँगी,
किसी #मंच,#नेतृत्व,#झंडे की मोहताज़ नही। https://t.co/MZzCIAhTS6— Alka Lamba (@LambaAlka) May 7, 2019
गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से अलका और ‘आप’ के रिश्तों में दूरियां बढ़ गई हैं। अभी हाल ही में ट्विटर पर पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज और अलका लांबा की तीखी बहस देखने को मिली थी। मामला इतना बढ़ गया था कि सौरभ भारद्वाज ने अलका लांबा को कांग्रेस में शामिल होने की चुनौती तक दे दी थी।
ट्विटर पर सौरभ भारद्वाज के साथ तीखी बहस के बाद अलका ने जामा मस्जिद के बाहर एक सभा का आयोजन करके एक ‘जनमत संग्रह’ कराया था। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अलका लांबा ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी ने पिछले चार वर्षों में तीसरी बार उनसे इस्तीफा मांगा है।
उन्होंने अपने समर्थकों से पूछा था कि क्या उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ कर वापस कांग्रेस में चला जाना चाहिए। जिसको लेकर उनके समर्थकों ने नकारात्मक में जवाब दिया था।