लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन को लेकर जारी सभी अटकलें समाप्त हो गई हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं बन पाई है। दोनों पार्टियों के बीच दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन की बात चल रही थी, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई। अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बाकी बचे 6 उम्मीदवार सोमवार को नामांकन भरेंगे।
जी हां, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली में उनकी पार्टी के शेष छह उम्मीदवार सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन को लेकर ‘आप’ का समय बर्बाद किया। गौरतलब है कि यहां आप के पश्चिम दिल्ली उम्मीदवार बलबीर सिंह जाखड़ ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया था।
राय ने हरियाणा से चुनाव लड़ने वाले तीन उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘हरियाणा प्रदेश पार्टी प्रभारी नवीन जयहिंद फरीदाबाद से, वकील कृष्ण कुमार अग्रवाल करनाल से, जबकि हरियाणा के पूर्व डीजीपी पृथ्वीराज अंबाला से आप के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।’’ राय ने यह घोषणा भी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल हरियाणा में दो मेगा रोड शो करेंगे।
गौरतलब है कि आप ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन किया है जिसके तहत सात सीटें जजपा को, जबकि तीन सीटें आप को मिली है। राय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन को लेकर आप का समय बर्बाद किया। दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीटें हैं।
राय ने कहा, ‘‘हमने (दिल्ली में) आप के उम्मीदवारों का नामांकन टाल दिया था, लेकिन अब दिल्ली में हमारे (शेष) सभी छह उम्मीदवार सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे और हम कांग्रेस के खिलाफ ‘पोल खोल अभियान’ शुरू करेंगे।’’
दिल्ली में सोमवार को आप के जो छह और उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेंगे, उनमें पंकज गुप्ता (चांदनी चौक), आतिशी (पूर्वी दिल्ली), गगन सिंह (उत्तर पश्चिम दिल्ली), राघव चड्ढा (दक्षिण दिल्ली), दिलीप पांडे (उत्तर पूर्व दिल्ली) और ब्रजेश गोयल (नयी दिल्ली) शामिल हैं।
राय ने कहा कि कांग्रेस यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि आप ने गठबंधन करने से मना कर दिया। उन्होंने दावा किया, ‘‘लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने सीट बंटवारे का जो भी फार्मूला पेश किया, हम उस पर राजी हुए लेकिन फिर भी वह मुकर गई।’’ (इनपुट भाषा के साथ)