जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम. जगदीश कुमार को निष्कासित करने के लिए विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने मंगलवार (7 अगस्त) को जनमत संग्रह में भाग लिया। कुलपति का विरोध उनकी कथित पक्षपातपूर्ण नीतियों और परामर्श प्रक्रिया का पूरी तरह ध्वस्त होने के कारण किया जा रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के 93 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों ने मंगलवार को एक जनमत संग्रह में कुलपति एम. जगदीश कुमार को हटाने की मांग के पक्ष में वोट डाला। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘जेएनयू के 586 सूचीबद्ध शिक्षकों में से 300 वोट डालने पहुंचे। उनमें से 279 ने कुलपति को हटाए जाने के पक्ष में वोट डाला।’’
जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीयू) द्वारा किया जा रहा जनमत संग्रह मंगलवार सुबह 10.30 बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला। आपको बता दें कि JNU में प्रो. जगदीश कुमार की बतौर कुलपति नियुक्ति के बाद से ही विरोध हो रहा है। तमाम शिक्षक इसके विरोध में हैं। तो दूसरी तरफ छात्र संगठन भी लगातार तमाम मसलों पर विरोध करते आए हैं।
जेएनयूटीए की अध्यक्ष सोनाझरिया मिंज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि हमने परामर्श प्रक्रिया के पूरी तरह ठप होने के विरोध में यह जनमत संग्रह किया है। परामर्श प्रक्रिया के तहत शिक्षा परिषद में विभिन्न शैक्षिक निर्णय लिए जाते हैं। कोई राय नहीं मांगी है और मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई है। कुछ निर्णयों को बहुत सामान्य तरह से लिया गया है और इस बातचीत के आधार पर निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हमेशा से अपेक्षाकृत अधिक लोगों द्वारा निर्णय को स्वीकारने की परंपरा रही है। वह प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है। मिंज ने प्राध्यापकों की पदोन्नति, वार्डनशिप के नवीनीकरण में भेदभाव, विश्वविद्यालय ग्रेडवार स्वायत्तता जैसे कई मुद्दों के कारण प्राध्यापकों को जनमत संग्रह कराना पड़ा।