भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य हरियाणा के जींद जिले में दलित जॉइंट ऐक्शन कमिटी के धरनास्थल पर बुधवार को 300 से ज्यादा दलित परिवारों के करीब 500 दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया।

ख़बरों के मुताबिक, उन लोगों ने बौद्ध भिक्षुओं से दीक्षा लेकर सामूहिक रूप से बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन किया। पिछले 187 दिनों से दलित जॉइंट ऐक्शन कमिटी के तत्वावधान में अपनी मांगों को लेकर जींद के लघु सचिवालय में धरने पर बैठे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी के संयोजक और धरना संचालक दिनेश खापड़ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यूपी और दिल्ली से आये छह बौद्ध भिक्षुओं ने धरनास्थल पर ही इन परिवारों को दीक्षा देकर धर्म परिवर्तन कराया। दलितों की मांगों में कुरूक्षेत्र के एक गांव की दलित बेटी से हुई दरिंदगी की जांच कराना, हिसार के भटला में दलितों का सामाजिक बहिष्कार करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने और दलितों पर किए गए झूठे मामले खारिज करना, दलितों पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाना आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही खापड़ ने कहा ‘जब से देश और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी है तब से दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर है। सरकार ने हर मामले में दलितों की अनदेखी करके दलितों के साथ विश्वासघात किया है।’
बता दें कि, इससे पहले इसी साल जुलाई के महिने में जींद जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम को ज्यादा कठोर बनाने सहित अपनी कई मांगें पूरी ना होने पर करीब 120 दलितों ने धर्मांतरण कर बौद्ध धर्म अपना लिया।
जींद में डीसी की कोठी से चंद दूरी पर सैकड़ों दलितों ने गतदिवस धर्म परिवर्तन किया है। दीक्षा देने के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने सामूहिक रूप से बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराया। दलित नेता दिनेश खापड़ का कहना है कि विभिन्न मांगों को लेकर दलित समाज के लोग पिछले करीबन 6 महीने से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही। उनका कहना है कि सरकार करीबन 30 फिसदी छोटी छोटी मांगों को तो मान चुकी है, लेकिन जो बड़ी बड़ी मांगे हैं वे अभी भी अधर में लटकी पड़ी है।