उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में शुक्रवार(26 जनवरी) को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों में भिड़ंत हो गई जिससे तनाव व्याप्त हो गया। इस दौरान दोनों समुदायों की और से जमकर पथराव और आगजनी की गई। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।

कासगंज हिंसा में चंदन गुप्ता (22) की मौत के अलावा एक और नाम सोशल मीडिया पर आया। वह नाम था राहुल उपाध्याय का, जिसे लोग हिंसा में मरने वाला दूसरा युवक बता रहे थे। सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि हिंसा के बाद घायल राहुल उपाध्याय ने अलीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। लेकिन सच यह है कि, राहुल उपाध्याय जिंदा हैं।
नवभातर टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, राहुल उपाध्याय कासगंज से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित नगलागंज गांव का रहने वाले हैं। उनकी मौत की अफवाहों के बीच पुलिस ने भी सोमवार को उनसे पूछताछ की। राहुल ने अपने जिंदा होने की बात दोहराते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जब कासगंज में हिंसा भड़की तो मैं नगलागंज में ही अपने घर पर था। राहुल के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं और वह बिल्कुल ठीक हैं।
वहीं, अलीगंज के अस्पताल में उसके भर्ती होने का दावा भी इसी बात से खारिज हो जाता है। राहुल को कोतवाली कासगंज लाया गया जहां एडीजी जोन आगरा अजय आनंद और आईजी रेंज अलीगढ़ संजीव गुप्ता के साथ कई अफसरों ने भी उनसे बात की।
वहीं, आईजी अलीगढ़ संजीव गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय नाम के युवक की मौत की खबरें अफवाह हैं। राहुल जिंदा है और सही सलामत है। साथ ही उन्होंने बताया कि, पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
Contrary to rumours spread on social media, Rahul Upadhyay is alive. We have arrested 4 people for spreading false rumours : Sanjeev Gupta, IG Aligarh Range #KasganjClashes pic.twitter.com/dP6rxkfzDt
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2018
नवभातर टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल ने बताया कि जिले में इंटरनेट बंद होने के चलते वह अपनी मौत की अफवाह का खंडन नहीं कर पा रहे थे। राहुल के मुताबिक, इंटरनेट बंद होने के चलते उन्हें पता नहीं चला कि उनका नाम सोशल मीडिया पर तस्वीर के साथ वायरल किया जा रहा है। रिश्तेदारों और दोस्तों ने फोन कर उन्हें इस बात की जानकारी दी। वहीं, अब राहुल भी सभी को यह बता रहा है कि उसे कुछ नहीं हुआ और वह जिंदा है।
वहीं, दूसरी और लखीमपुर-खीरी में हार्डवेयर स्टोर चलाने वाले 35 वर्षीय अकरम हबीब को हिंसा में अपनी एक आंख गंवानी पड़ी। अकरम हबीब अपनी बेटी को दोनों आंखों से देख नहीं सके, जो हिंसा के अगले दिन इस दुनिया में आई।अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में अपनी चोट सहला रहे 35 वर्षीय अकरम हबीब गणतंत्र दिवस के दिन कासगंज अपनी ससुराल आया था क्योंकि उसकी पत्नी अनम (27) की अगले दिन डिलीवरी होनी थी।
जनसत्ता.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, अकरम हबीब ने बताया कि मैंने कुछ लोगों से रास्ता पूछा। उन्होंने मेरी दाढ़ी देखी और मुझे मुसलमान जानकार पत्थरों और लाठियों से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
बता दें कि, कासगंज हिंसा में चंदन गुप्ता (22) के अलावा राहुल उपाध्याय की मौत की बात भी सोशल मीडिया पर कही जा रही थी। सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि, हिंसा में घायल होने के बाद अलीगढ़ के अस्पताल में भर्ती किए गए राहुल उपाध्याय की भी मौत हो गई है।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट्स :
दुःखद खबर:
#कासगंज_हिंसा में
घायल दूसरे
भाई राहुल उपाध्याय जी
भी जिंदगी की लडाई हार गये।
अलीगढ़ के हॉस्पिटल में दम तोड़ा…
??#कासगंज #Kasganj #KasganjViolence— pAgaL PaNdiT ? (@krazypathak) January 27, 2018
#Kasganj में घायल दूसरा भाई राहुल उपाध्याय ने अलीगढ़ हॉस्पिटल में दम तोड़ा
दुःखद#Justice4Chandan #justice4rahul
— Sneha Singhvi (@snehasneha173) January 27, 2018
https://twitter.com/Vinayrv00/status/957508435221798912
दुःखद #कासगंज में घायल दूसरे भाई #राहुल_उपाध्याय भी जिंदगी की जंग हार गये। #अलीगढ़ के हॉस्पिटल में दम तोड़ा..
??— Vinod Sharma #HTL (@vinodsharma1834) January 27, 2018
शहीद चन्दन गुप्ता व राहूल उपाध्याय को श्रधांजली दि गई गंगा जी के तट पर ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर । pic.twitter.com/kEYPloxpWD
— संकेत गंगवार (@sanketgangwar01) January 28, 2018
https://twitter.com/AmantOfRam/status/957266444311347200
#चंदन_गुप्ता ,#राहुल_उपाध्याय
इन मासूमो की लाशें देख हृदय फट रहा है–साहब…
यही आजादी है–#वंदे_मातरम् –कहने पर गोली..
अब बस प्रतिशोध होगा..
मासूम के रक्त से क्रांति का जन्म होगा#भड़का_हिन्दुओ ….— ।।जयतु हिन्दू राष्ट्रम।। (@NeerajSarse) January 28, 2018
#कासगंज के दोनों दंगाइयों #चंदन_गुप्ता और#राहुल_उपाध्याय मारे गए
इनका कसूर इतना ही था कि
दिलो में हिंदुस्तान ओर हाथो में #तिरंगा था
और धर्म #हिन्दू था
मि लार्ड अब तो लिकतंत्र ख़तरे में नही है ना ??#संविधान— ᴜᴅᴛᴀ ᴛɪʀ ?? (@UdaTaTir) January 28, 2018
https://twitter.com/Satyana37230341/status/957347000311103489
(अत्यंत ही दुःखद खबर):- "जेहादी कठमुल्लों द्वारा कासगंज 'तिरंगा यात्रा' पर किए गए हमले में घायल दूसरे भाई 'राहुल उपाध्याय जी' भी जिंदगी की लड़ाई हार गए। अलीगढ़ के हॉस्पिटल में दम तोड़ा। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व जिहादियों को जहन्नुम की आग में झुलसाएँ.!" ??????
— Gunjesh Gautam Jha⏺ (@JhaGunjesh) January 27, 2018
भाई "चंदन गुप्ता" के बाद भाई "राहुल उपाध्याय" भी जीवन की लड़ाई हार गया।
बहुत दुःखद
कुसूर बस इतना था, दिल मे देश हाथ मे तिरँगा था।
— Pooja Bhardwaj (@pjbhardwaj1977) January 28, 2018
https://twitter.com/vivekku85458475/status/957612978945191936