2जी मामले में राजा-कनिमोझी समेत सभी आरोपियों के बरी होने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर

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वर्ष 2014 में हुए आम चुनावी भाषणों से लेकर विदेशी दौरों तक कांग्रेस को जिस कथित एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये के 2जी घोटाले के लिए घेरा जाता था, सबूतों के अभाव में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार (21 दिसंबर) को इस घोटाले से जुड़े पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता करुणानिधि की पुत्री और सांसद कनिमोझी समेत सभी लोगों को बरी कर दिया। जज ओ. पी. सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में नाकाम रहा।इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है। वायरल हो रही दोनों तस्वीरों में से पहली तस्वीर में पीएम मोदी द्रमुक अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे हैं।

दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक चली। मोदी द्रमुक अध्यक्ष के बगल में बैठे और उनका हाथ थामे रहे।वहीं दूसरी तस्वीर में पीएम मोदी के साथ द्रमुक प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनिमोझी और उनके बेटे स्टालिन नजर आ रहे हैं। इन दोनों तस्वीरों को शेयर करते हुए लोग पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं।

दरअसल यह तस्वीर पिछले महीने 6 नवंबर की है जब पीएम मोदी चेन्नई दौरे पर गए थे। उस दौरान पीएम मोदी करुणानिधि से मुलाकात करने उनके आवास पर गए थे। उस दौरान कनिमोझी और स्टालिन से भी उनकी मुलाकात हुई थी। अब टू जी मामले में कनिमोझी को क्लीनचिट मिलने के बाद यह तस्वीर वायरल हो रही है।

बता दें कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनीमोई दोनों को इस मामले में बरी कर दिया। अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है।

मामले में बरी किये गये अन्य लोग हैं… दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर।

अदालत से बरी होने वाले अन्य लोग हैं….. कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी। इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों… स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है।

यह फैसला तब आया है जबकि, चार्जशीट दाखिल होने तक जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा था। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने स्पेक्ट्रम आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों के 122 लाइसेंस भी रद्द कर दिए थे। इसलिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की बात कर रहा है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, अदालत को साक्ष्य पूरे दिए गए थे, लेकिन उन पर गौर ही नहीं किया गया।

यह था मामला?

यूपीए सरकार के दौरान 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस के आवंटन में गड़बड़ी की बात कही गई। नवंबर 2010 में कैग (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में 1.76 लाख करोड़ के नुकसान की बात कही। उस समय ए. राजा ही संचार मंत्री थे। राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था।

 

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