वर्ष 2008 में मालेगांव में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मंगलवार(19 सितंबर) को दो और आरोपियों को जमानत मिल गई। मुंबई की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट ने दो आरोपियों सुधाकर चतुर्वेदी और सुधाकर द्विवेदी को जमानत दे दी है। बता दें कि इससे पहले इस मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। अब मंगलवार को अदालत ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद समानता की दलील देते हुए सुधाकर चतुर्वेदी और सुधाकर द्विवेदी ने भी जमानत याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने मंगलवार को मंजूर कर लिया। हालांकि, दोनों आरोपियों को जमानत के लिए पांच लाख रुपये की सियोरिटी और पांच लाख का ही पर्सनल बॉन्ड भरना होगा।
बता दें कि इससे पहले 21 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सशर्त जमानत दे दी थी। न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे की पीठ ने बंबई हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पुरोहित को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
बंबई हाई कोर्ट ने मालेगांव बम विस्फोट की साजिश रचने की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 25 अप्रैल 2017 को जमानत दे दी, लेकिन सह आरोपी कर्नल पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कर्नल पुरोहित को नौ साल बाद नवी मुंबई स्थित तालोजा जेल से रिहा कर दिया गया है।
क्या था मामला?
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 80 लोग जख्मी हो गए थे। मालेगांव उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे। साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे। साध्वी और कर्नल पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया था।